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बेटे की मौत के बाद ‘किराए की कोख’ से जुड़वां बच्चों की दादी बनी पुणे की ये महिला

विज्ञान के कमाल ने एक मां के चेहरे पर खुशी वापस ला दी या यूं कहें कि उनके मृत बेटे को 'पुनर्जीवित' कर लिया. दो साल पहले अपने बेटे को खो चुकी पुणे की एक महिला ने अपने बेटे के शुक्राणुओं को संरक्षित कर लिया था जिसका उपयोग उन्होंने सेरोगेसी की मदद से अपने बेटे के बच्चों को जन्म दिलवाने में किया.

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women becomes grandmother in pune
  • February 24, 2018 6:57 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

पुणेः दो साल पहले कैंसर की वजह से अपने बेटे खो चुकी महिला ने अपनी कोशिशों से उसे फिर ‘जीवित’ कर लिया है. पुणे में रहने वाली 49 वर्षीय शिक्षिका राजश्री पाटिल ने सेरोगेट की मदद से अपने अन-ब्याहे बेटे प्रथमेश के जुड़वा बच्चों को जन्म दिलाया है. विज्ञान के इस कमाल ने एक मां के चेहरे पर खुशी ला दी है. प्रथमेश के जुड़वा बच्चों का जन्म उनके शुक्राणुओं की मदद से हुआ, जिन्हें उनकी मौत के बाद सुरक्षित रख लिया गया था.

पुणे के सिंघड कॉलेज से आगे की पढ़ाई के लिए प्रथमेश साल 2010 में जर्मनी चले गए थे. साल 2013 में पता चला कि उन्हें ब्रेन ट्यूमर हो गया है जो कि खतरनाक स्तर पर पहुंच गया था. उस दौरान उनके शुक्राणुओं को संरक्षित कर रख लिया गया था. इसी वीर्य का सेरोगेसी में इस्तेमाल किया गया और 35 वर्षीय सेरोगेट मां ने एक बच्ची और एक बच्चे को जन्म दिया.

27 साल के जवान बेटे के संरक्षित वीर्य का इस्तेमाल राजश्री ने सरोगेट प्रेग्नेंसी में किया. प्रथमेश के बच्चों ने 12 फ़रवरी को जन्म लिया. दादी राजश्री ने बच्चों को भगवान का आशीर्वाद बताते हुए पोते का नाम बेटे प्रथमेश के नाम पर रखा और बेटी का नाम प्रीशा रखा.

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