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अदालत ने AAP को दिया झटका, नहीं दी दोनों विधायकों को जमानत, 14 दिनों की न्यायिक हिरासत

आम आदमी पार्टी के दोनों विधायकों अमानतुल्ला खान और प्रकाश जरवाल को दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से बदसलूकी और मारपीट के आरोपों में कोर्ट ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है. अदालत के आदेश के बाद विधायकों को सीधे तिहाड़ जेल ले जाया गया. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए यह बड़ा झटका माना जा रहा है. हालांकि शुक्रवार को भी विधायकों की जमानत याचिका पर सुनवाई होगी.

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Prakash jarwal and Amanatullah khan
  • February 22, 2018 6:36 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्लीः दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से बदसलूकी और मारपीट के आरोप में आम आदमी पार्टी के दोनों विधायकों अमानतुल्ला खान और प्रकाश जरवाल को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है. तीस हजारी कोर्ट में दोनों विधायकों की जमानत अर्जी दी गई थी, जिसे अदालत ने ठुकरा दिया. कोर्ट के आदेश के बाद दोनों विधायकों को तिहाड़ जेल भेज दिया गया है. कुछ देर पहले AAP से राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने विधायकों का पक्ष रखा और इस पूरे प्रकरण के पीछे बीजेपी का हाथ बताया.

AAP विधायक अमानतुल्ला खान और प्रकाश जरवाल की जमानत याचिका पर कल भी सुनवाई होगी. गुरुवार को विधायकों की जमानत को लेकर बहस जारी रही. दिल्ली पुलिस ने कोर्ट से विधायकों की दो दिन की पुलिस रिमांड की मांग की लेकिन जज ने उसे ठुकरा दिया. जिसके बाद जमानत न देने का फैसला करते हुए उन्हें 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. अदालत का यह आदेश AAP के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.

कोर्ट में बहस के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से कहा गया कि मुख्य सचिव के साथ मारपीट की घटना को योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया गया. अमानतुल्ला खान और प्रकाश जरवाल ने ही मुख्य सचिव के साथ झगड़े की शुरूआत की थी. दिल्ली पुलिस की ओर से नई याचिका दाखिल की गई है, जिसमें दोनों विधायकों की पुलिस कस्टडी की मांग की गई है. पुलिस ने कोर्ट को बताया कि दोनों विधायकों को आमने-सामने बिठाकर पूछताछ करनी है ताकि वह जान सके कि मुख्य सचिव से मारपीट और बदसलूकी के पीछे इनका क्या उद्देश्य था.

दिल्ली पुलिस की ओर से वकील ने कोर्ट को यह भी बताया कि अरविंद केजरीवाल की ओर से मुख्य सचिव को बैठक के बारे में सूचना देते हुए यह कहा गया था कि मीटिंग में सीएम अरविंद केजरीवाल, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और दो अन्य लोग मौजूद रहेंगे. मुख्य सचिव अंशु प्रकाश जब वहां पहुंचे तो AAP के करीब 11 विधायक वहां पहले से मौजूद थे. मारपीट के दौरान केजरीवाल और सिसोदिया ने विधायकों को जरा भी रोकने की कोशिश नहीं की, जो यह साबित करती है कि इसके पीछे कोई साजिश रची गई थी.

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