मामले पर राजनीति शुरू हो गई और कांग्रेस ने बीजेपी पर आरोप लगाया है कि उसने राज्य के अधिकारियों के साथ मिलकर जानबूझकर इन 7 मतदान केंद्रों पर यह घपला किया है.
अहमदाबाद. गुजरात में आज हुए तालुका पंचायत के चुनाव में एक अजीबोगरीब वाकया सामने आया. इस वजह से बनासकांठा जिले के दाता तालुका पंचायत में हडाद और अन्य 7 गांवों से जुड़े 7 मतदान केंद्रों पर चुनाव को स्थगित करना पड़ा. अब जरा मतदान स्थगित करने का कारण भी सुन लीजिए. मतदान इसलिए स्थगित करना पड़ा क्योंकि यहां से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे कांतिभाई बेगड़िया के नाम के सामने कमल का निशान छपा हुआ था और बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे बाबू भाई पारगी के नाम के सामने हाथ का निशान छपा हुआ था.
जैसे ही चुनाव शुरू हुआ तो यहां मौजूद पार्टी के एजेंटों ने मामले को चुनाव अधिकारियों के सामने रखा और बाद में मामला कलेक्टर के पास पहुंचा, जिन्होंने दोनों ही पार्टी के पोलिंग एजेंटों से लिखित में अपनी फरियाद दर्ज करने को कहा और इन सातों केंद्रों पर तालुका पंचायत का चुनाव आज के लिए रद्द कर दिया गया. जब कलेक्टर से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि यह प्रिंटिंग मिस्टेक की वजह से हुआ है, इसमें किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी नहीं हुई है.
अब मामले पर राजनीति शुरू हो गई और कांग्रेस ने बीजेपी पर आरोप लगाया है कि उसने राज्य के अधिकारियों के साथ मिलकर जानबूझकर इन 7 मतदान केंद्रों पर यह घपला किया है ताकि कांग्रेस के सबसे ज्यादा प्रभुत्व वाले इन 7 केंद्रों में सभी वोट बीजेपी को मिल जाए. कांग्रेस का कहना है कि परंपरागत रूप से दाता तालुका और उसमें भी हडाद का यह बेल्ट पूरी तरह कांग्रेस के पक्ष में रहा है और BJP अब इसे इस तरह के हथकंडे अपना कर जीतना चाहती है.
बीजेपी के नेता इस बात से साफ इंकार कर रहे हैं और उनका कहना है कि चुनाव अधिकारी जब खुद इस बात को मान रहे हैं कि यह प्रिंटिंग मिस्टेक है तो फिर इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. कांग्रेस का सवाल यह है कि यदि प्रिंटिंग मिस्टेक है तो पूरे तालुका के सभी बैलेट मशीन पर इस तरह का मिस्टेक होना चाहिए था क्या सिर्फ इन 7 मतदान केंद्रों के लिए अलग से पेपर छापे गए थे.
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