अंकारा. तुर्की में सेना द्वारा तख्तापलट की कोशिशों पर राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगान ने कहा है कि यह देशद्रोह करने जैसा है. उन्होंने इसकी निंदा करते हुए कहा कि जो कोई भी इस काम के पीछे है उसे छोड़ा नहीं जाएगा.
तुर्की के राष्ट्रपति रिसेप तईप एर्दोगन सुरक्षित इस्तांबुल पहुंच गए हैं. यहां पहुंचकर उन्होंने कहा कि कोई भी ताकत देश की मर्जी के आगे नहीं टिकती है. एर्दोगान ने कहा, ‘जिस राष्ट्रपति को 52 प्रतिशत लोग सत्ता में लेकर आए, जिस सराकर पर लोगों ने अपना भरोसा जताया, उसी के हाथ में सत्ता रहेगी. जब तक हम अपना सब कुछ दाव पर लगाकर उनके सामने डट कर खड़े हैं वह अपने इरादों में कामयाब नहीं होंगे.’
सैनिक और टैंक कल रात सड़कों पर उतर आए तथा आठ करोड़ की आबादी वाले देश के दो सबसे बड़े शहरों अंकारा और इस्तांबुल में सारी रात धमाके होते रहे, तुर्की नाटो का सदस्य है. तख्तापलट के प्रयासों के लिए तुर्की के इस्लामिक धर्मप्रचारक फेतुल्लाह गुलेन को जिम्मेदार ठहराया गया है.
तख्तापलट की कोशिश के विफल होने के दावे के बीच अधिकारियों ने कहा कि तुर्की के बड़े शहरों में रातभर हुई हिंसा में 194 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है, जिसमें 104 वह हैं जिनका साज़िश में हाथ था. इसके अलावा 1,154 घायल हुए हैं. 1500 लोगों को हिरासत में लिया गया है.