झूठ का खेल खेलते हुए क्या आरोही अपने ही जाल में फंस चुकी है. क्या मौसी से पंगा लेना आरोही को मंहगा पड़ गया. क्योंकि मौसी ने पूरे घर के सामने पूरे सबूतों के साथ ये चिल्ला चिल्ला कर बोल दिया है कि उसे पूरा यकीन है कि तारा वो तारा नही है बल्कि हो सकता है कि वो आरोही हो.
नई दिल्ली : कल तक जो लग रहा था की तारा की मौसी सबके सामने केसरी का राज दीप के सामने खोल देंगी वो लेकिन तारा ने वो खेल खेला की मौसी की कोई दाल दीप के आगे नही गली. और आरोही जो तारा बनकर घर में रह रही है वो अपनी पहचान छुपाने में कामयाब हो जाती है.
मौसी ये समझ जाती है कि तारा ही आरोही है वो सबके सामने ये कहती है कि घर में जो केसरी बनकर आई थी वो कोई और नही बल्कि तारा ही है, वो पूरे घरवालों के सामने ये कहती है कि उसे पूरा यकिन है कि तारा ही आरोही है. आरोही को ये पता चल जाता है कि मौसी और पृथ्वी के बीच अफेयर चल रहा है.
आरोही जो कि तारा बनकर घर में रह रही है वो पूरे विश्वास के साथ पृथ्वी को एक जोरदार थप्पड़ लगाती है और कहती है कि अगर वो केसरी होती तो क्यों वो केसरी को मारती पीटती वो कहती है कि जब केसरी का रंग निकाला जा रहा था तब भी वहीं थी और उनके साथ खड़ी थी.
लेकिन उसकी इन साब बातों को मौसी नही मानती है. तो क्या तारा पर अब घरवालो को शक हो जाएगा या फिर तारा आरोही बन कर मौसी का इस घर से कर देगी घर निकाला.