केजरीवाल की पत्नी ने लिया VRS, AAP में हो सकती है एंट्री

राजधानी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने अपनी सर्विस से वॉलन्टियरी रिटायरमेंट (वीआरएस) ले लिया है. वह भारतीय राजस्व सेवा अधिकारी हैं. यहां सुनीता असिस्टेंट एडिशनल डायरेक्टर के पद पर काम कर रही हैं. उन्होंने आयकर विभाग में करीब 22 साल तक सेवा देने के बाद यह कदम उठाया है.

Advertisement
केजरीवाल की पत्नी ने लिया VRS, AAP में हो सकती है एंट्री

Admin

  • July 13, 2016 6:57 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली. राजधानी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने अपनी सर्विस से वॉलन्टियरी रिटायरमेंट (वीआरएस) ले लिया है. वह भारतीय राजस्व सेवा अधिकारी हैं. यहां सुनीता असिस्टेंट एडिशनल डायरेक्टर के पद पर काम कर रही हैं. उन्होंने आयकर विभाग में करीब 22 साल तक सेवा देने के बाद यह कदम उठाया है. 
 
इनख़बर से जुड़ें | एंड्रॉएड ऐप्प | फेसबुक | ट्विटर
 
सुनीता केजरीवाल ने रिटायरमेंट को लेकर प्रत्यक्ष रूप से तो कोई कारण नहीं बताया है, लेकिन इसे लेकर कयासों का बाजार गर्म हो चुका है.
 
साल के शुरू में ही दिया था आवेदन
 
सुनीता ने इस साल के शुरू में वीआरएस के लिए आवेदन किया था. विभाग में कैडर पर नियंत्रण रखने वाला सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (सीबीडीटी) ने रिटायरमेंट को लेकर आधिकारिक नोटिस जारी करते हुए सुनीता की वीआरएस अर्जी को मंजूरी दे दी है. 
 
सुनिता को मिलेगा पेंशन लाभ
 
सीबीडीटी ने एक आदेश जारी कर उनके स्वैच्छिक रिटायरमेंट की पुष्टि करते हुए कहा है कि सुनीता का वीआरएस 15 जुलाई से प्रभावी होगा. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उन्होंने 20 साल की सेवा पूरी कर ली है इसलिए उन्हें पेंशन का लाभ मिलेगा.
 
मुख्यमंत्री ने भी दिया था इस्तीफा
 
बता दें कि मुख्यमंत्री बनने से पहले केजरीवाल भी भारतीय राजस्व सेवा में बतौर ज्वाइंट कमिशनर तैनात थे. साल 2006 में उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. वहीं उनकी पत्नी सुनीता ने 2016 में इस्तीफा दिया है.
 
Stay Connected with InKhabar | Android App | Facebook | Twitter
 
यह हो सकते हैं वीआरएस के कारण 
 
सुनीता के वीआरएस पर केजरीवाल की ओर से अभी कुछ नहीं कहा गया है, लेकिन सुनीता के इस्तीफे को केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच मौजूदा टकराव से जोड़कर देखा जा रहा है. वहीं सूत्रों के मुताबिक, सुनीता को पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी मिलने के कयास भी लगाए जा रहे हैं. 2013 और 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में सुनीता ने केजरीवाल के लिए प्रचार भी किया था. हालांकि, केजरीवाल राजनीति में परिवारवाद के विरोधी रहे हैं.

Tags

Advertisement