नई दिल्ली. अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अल्पसंख्यक दर्जे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज अहम सुनवाई होगी. केंद्र सरकार ने कोर्ट में पूर्ववर्ती यूपीए सरकार की अपील को वापिस लेने का हलफनामा दाखिल किया है. सरकार ने अपने हलफनामे में कहा है कि एएमयू को अल्पसंख्यक का दर्जा नहीं दिया जा सकता है.
बता दें कि इससे पहले की सुनवाई में पीठ ने केंद्र को उसके द्वारा दाखिल अपील को वापस लेने के लिए आठ सप्ताह के अंदर एक हलफनामे के साथ आवेदन दाखिल करने की अनुमति दे दी थी. पीठ ने कहा कि एएमयू केंद्र के रख पर जवाबी हलफनामा दाखिल कर सकता है. उन्होंने ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद के लिए सुनवाई स्थगित कर दी थी.
बता दें कि शीर्ष अदालत ने हस्तक्षेप करने वाले कुछ लोगों को भी मामले में सहायता करने की अनुमति दी जिनके लिए वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद ने पक्ष रखा था. उच्च न्यायालय ने जनवरी 2006 में एएमयू (संशोधन) अधिनियम, 1981 के प्रावधान को निष्प्रभावी करार दिया था जिसके माध्यम से विश्वविद्यालय को अल्पसंख्यक का दर्जा दिया गया था.
उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने 2005 में उसकी एकल पीठ के फैसले को बरकरार रखा था जिसके माध्यम से एएमयू को अल्पसंख्यक का दर्जा देने और 2004 में मुसलमानों को 50 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने को ‘असंवैधानिक’ करार दिया गया था.