नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट में आज सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर अहम सुनवाई होगी. कोर्ट में इस बात पर गौर रहेगा कि क्या मंदिर में 10 साल से 50 साल तक की महिलाओं के प्रवेश पर बैन जायज है. सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने सरकार और मंदिर बोर्ड से पूछा है कि इस मंदिर में महिलाओं का प्रवेश कब बंद हुआ?
बता दें कि इससे पहले 13 अप्रैल 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश संबंधित मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि हिंदू धर्म में महिलाओं और पुरुषों के बीच किसी तरह का कोई भेदभाव नहीं किया गया है. हिंदू एक हिंदू होता है. जज ने कहा कि महिलाओं को मंदिर में पूजा करने से रोकना उनके संवैधानिक अधिकारों का हनन होगा.
सबरीमाला मंदिर के ट्रस्ट और केरल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि महिलाओं के मंदिर में पूजा करने पर लगी पारंपरिक रोक को नहीं हटाया जाना चाहिए. उन्होंने कोर्ट में बताया कि मंदिर के अंदर विराजमान देवता ब्रह्मचारी हैं, मंदिर में महिलाओं के जाने पर उनकी पवित्रता में बाधा आ सकती है.