एनजीओ लोक प्रहरी की याचिका पर सुनवाई कर रहे सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव नामांकन के दौरान प्रत्येक उम्मीदवार को चल और अचल आय के साथ-साथ आय का स्त्रोत का भी खुलासा करने के आदेश दिए हैं. याचिका पूर्व आईएएस एसएन शुक्ला ने दाखिल की थी. जिसका चुनाव आयोग ने समर्थन किया था.
नई दिल्लीः चुनाव में खड़े होने वाले प्रत्याशियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बड़ा फैसला सुनाया. शीर्ष अदालत ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि उम्मीदवार को अब उनके साथ-साथ उनके आश्रितों को भी चुनावी शपथपत्र में संपत्ति के स्त्रोत का खुलासा करना होगा. जस्टिस जे चेलामेस्वर की पीठ के इस आदेश से अब नेताओं के भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी.
कोर्ट का यह आदेश तुरंत प्रभाव से लालू होगा लेकिन उत्तर-पूर्व राज्यों के चुनावों में इसका असर नहीं होगा क्योंकि वहां नामांकन भरे जा चुके हैं. बता दें कि उम्मीदवार बच्चों के नाम पर संपत्ति रखकर पैसा बनाने में लगे रहते हैं. कोर्ट ने यह आदेश उत्तर प्रदेश के एनजीओ लोक प्रहरी की याचिका पर दिया है. याचिका पूर्व आईएएस एसएन शुक्ला ने दाखिल की थी. जिसका चुनाव आयोग ने समर्थन किया था.
बता दें कि अभी तक उम्मीदवार को नामांकन के समय अपनी, जीवनसाथी और तीन आश्रितों की चल-अचल संपत्ति व देनदारी की जानकारी देनी होती थी. लेकिन इसमें आय के स्त्रोत बताने का नियम नहीं है. इसके लिए एक याचिका दायर की गई थी. जिसके अनुसार, चुनाव सुधारों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि नामांकन के वक्त प्रत्याशी अपनी और अपने परिवार की आय के स्रोत का खुलासा भी करे.
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