‘जिहाद पवित्र है तो अलगाववादी के बच्चे क्यों नहीं उठाते बंदूक’

आतंकी सगंठन हिजबुल मुजाहिद्दीन का कमांडर बुरहान वानी की मौत पर घाटी में युवाओं और उनके परिजनों को उकसाने वाले अलगाववादियों पर अलगाववादी नेता हाशिम कुरैशी के बेटे जुनेद कुरैशी ने हमला बोला है.

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‘जिहाद पवित्र है तो अलगाववादी के बच्चे क्यों नहीं उठाते बंदूक’

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  • July 10, 2016 7:45 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली. आतंकी सगंठन हिजबुल मुजाहिदीन का कमांडर बुरहान वानी की मौत पर घाटी में युवाओं और उनके परिजनों को उकसाने वाले अलगाववादियों पर अलगाववादी नेता हाशिम कुरैशी के बेटे जुनेद कुरैशी ने हमला बोला है. अलगाववादी नेता के बेटे ने देशभक्ति वाला संदेश देते हुए घाटी के नौजवानों से बंदूक छोड़ने की अपील भी की.
 
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जुनेद कुरैशी ने कहा है कि अब वक्त आ गया है कि कश्मीरी नौजवान अलगाववादियों से पूछें कि अगर जिहाद इतनी पवित्र चीज है तो फिर इन अलगाववादियों के बच्चे क्यूं नहीं बंदूक उठाते हैं? कुरैशी ने आगे कहा कि अपना गुस्सा निकालने के लिए हिंसा का रास्ता अपनाने वालों का हाल बुराहान वानी की तरह होता है. 
 
 
जुनैद ने कहा कि कश्मीर के युवाओं को समझना होगा कि बंदूक उठाना किसी भी समस्या का सामाधान नहीं है. बुरहान 26 साल की उम्र का था और वह क्या कुछ हासिल नहीं कर सकता था. लेकिन अंत क्या हुआ ये सब जानते हैं. कश्मीर मसले का समाधान केवल बातचीत के जरिए ही सुलझाया जा सकता है.
 
 
बता दें, जुनैद खुद भी नीदरलैंड में रहते हैं और एक सक्रिय मानवाधिकारवादी हैं. उन्होंने कहा कि कश्मीर की आजादी और कश्मीर में जिहाद की दुहाई देने वाले अलगाववादियों के बच्चे मलेशिया, कनाडा, अमेरिका में हैं. कइयों के बच्चे दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु में भविष्य संवार रहे हैं. जबकि ये दूसरों के बच्चों को बंदूक उठाकर मरने के लिए उकसाते हैं. जुनैद ने बुरहान को भी लेकर अपनी बात रखी.

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