नई दिल्ली. राजद्रोह के आरोपी जवाहर लाल यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के छात्र उमर खालिद ने कश्मीर में मारे गए आतंकी सगंठन हिजबुल मुजाहिद्दीन का कमांडर बुरहान वानी पर विवादास्पद बयान दिया है. उमर खालिद ने बुरहान वानी की तुलना मार्क्सवादी क्रांतिकारी चे ग्वेरा से की है.
क्या लिखा खालिद ने
खालिद ने फेसबुक अकाउंट पर लिखा, ‘चे ग्वेरा ने कहा था- अगर मैं मर जाऊं और कोई दूसरा मेरी बंदूक उठाकर गोलियां चलाता रहे तो मुझे परवाह नहीं, लेकिन ऐसे ही शब्द बुरहान वानी के भी रहे होंगे.’ खालिद ने आगे लिखा, ‘बुरहान को मौत से डर नहीं था. वह बंदिशों में जीने वाली जिंदगी से डरता था. उसने इसका विरोध किया. उसने एक आजाद शख्स के तौर पर जिंदगी को जिया और आजाद होकर ही मर गया.
#FreeKashmir भी बनाया
उमर ने इस पोस्ट में भारत से सवाल पूछा है, ‘तुम ऐसे लोगों को कैसे हराओगे, जिन्होंने अपने डर को हरा दिया है? तुम्हें अरमानों को ताकत मिले, बुरहान! पूरी तरह से कश्मीर के लोगों के साथ और समर्थन में.’ इसके साथ उन्होंने #FreeKashmir हैशटैग भी बनाया है.
कौन है चे ग्वेरा
उमर ने जिस चे ग्वेरा से वानी की तुलना की है वह अर्जेंटीना के मार्क्सवादी क्रांतिकारी थे और क्यूबा की क्रांति में उन्होंने मुख्य भूमिका निभाई थी. इनकी मृत्यु के बाद से इनका चेहरा दुनियाभर में सांस्कृतिक विरोध और वामपंथी गतिविधियों का प्रतीक बन गया. 1959 में चे ग्वेरा क्यूबा की फिदेल कास्त्रो सरकार के मंत्री के तौर पर भारत दौरे पर आए थे. भारत से जाने के बाद उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की तारीफ की थी.
‘हर बात का मनाउंगा जश्न’
एक दूसरी पोस्ट में उमर खालिद ने तंज कसते हुए लिखा, ‘सिर्फ बुरहान वानी का ही क्यों, मैं मौतों का, बलात्कार का, टॉर्चर का, लापता होने का और अफ्सपा का, हर बात का जश्न मनाउंगा. मैं समीर राह की मौत पर भी सफाई दूंगा. वो 12 साल का लड़का जिसे 2010 में पीट पीटकर मार दिया गया. आयशा और नीलोफर का शोपियां में कभी रेप कर मारा ही नहीं किया. वह हकीकत में नहर में डूब गई थीं.’
बता दें कि उमर खालिद पर देशद्रोह के आरोप हैं. उस पर आतंकी अफजल गुरु की बरसी मनाने और देश विरोधी नारे लगाने का आरोप है. इसी मामले में कन्हैया कुमार समेत 21 छात्रों के नाम थे.