कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में 100 से अधिक विपक्षी सांसदों ने आज भूमि अधिग्रहण विधेयक के खिलाफ संसद से राष्ट्रपति भवन तक मार्च निकाला. समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, भाकपा और माकपा समेत करीब 10 राजनीतिक दलों के सांसदों और नेताओं ने कड़ी सुरक्षा के बीच निकले विरोध मार्च में भाग लिया.
नई दिल्ली. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में 100 से अधिक विपक्षी सांसदों ने आज भूमि अधिग्रहण विधेयक के खिलाफ संसद से राष्ट्रपति भवन तक मार्च निकाला. समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, भाकपा और माकपा समेत करीब 10 राजनीतिक दलों के सांसदों और नेताओं ने कड़ी सुरक्षा के बीच निकले विरोध मार्च में भाग लिया.
सोनिया ने कहा कि हम भूमि विधेयक, 2013 पर मोदी सरकार के प्रस्ताव का विरोध करने के लिए यहां आए हैं और चाहते हैं कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी इस मामले में हस्तक्षेप करें. सभी धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक ताकतें विभाजन एवं सामाजिक सौहार्द को बढ़ावा देने की मोदी सरकार की साजिश को परास्त करने के लिए कृतसंकल्प हैं. साथ ही शरद यादव ने कहा कि यह आर-पार की लड़ाई होने जा रही है, हमने लड़ाई के लिए बिगुल बजा दिया है.
कांग्रेस और दूसरे विपक्षी दल भूमि अधिग्रहण विधेयक को किसान विरोधी और कॉपरेरेट समर्थक बताते हुए इसका विरोध कर रहे हैं. प्रदर्शनकारियों ने सरकार विरोधी नारे लगाये और कहा कि जब तक मोदी सरकार विधेयक में बदलाव नहीं करती, उनका विरोध जारी रहेगा. दिल्ली पुलिस और अर्धसैनिक बलों के सुरक्षाकर्मियों को बड़ी संख्या में इलाके में तैनात किया गया था. संसद से राष्ट्रपति भवन के मार्ग पर बैरिकेड भी लगाये गये थे. लोकसभा पिछले हफ्ते भूमि अधिग्रहण विधेयक को मंजूरी दे चुकी है और उसकी असली परीक्षा अब राज्यसभा में है जहां वह अल्पमत में है.