हमारे समाज की सदियों से यह मानसिकता रही है कि फलां काम महिलाएं करेंगी और फलां काम पुरुष करेंगे. कभी इससे हटकर सोचा ही नहीं गया कि पुरुष के काम महिलाएं भी कर सकती हैं, वह भी पूरी बारिकी के साथ.
July 9, 2016 9:26 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली. हमारे समाज की सदियों से यह मानसिकता रही है कि फलां काम महिलाएं करेंगी और फलां काम पुरुष करेंगे. कभी इससे हटकर सोचा ही नहीं गया कि पुरुष के काम महिलाएं भी कर सकती हैं, वह भी पूरी बारिकी के साथ.
समाज में महिलाओं के प्रति लोगों की सोच यही है कि वे घर चलाने वाली होती हैं. इन्हें गृहणी का तमगा दे दिया गया. वहीं इसके विपरित कुछ महिलाएं ऐसी भी हैं जो समाज के इस ताने-बाने से दूर घरेलू की बजाय ‘कामकाजी’ महिला बनना पसंद करती हैं.
वह कामकाजी महिला, जो रोटी पकाना भी जानती हो, घर चलाना भी जानती हो और कमाना भी. क्योंकि वह एक कुशल गृहणी नहीं, बल्कि कामकाजी महिलाओं की लिस्ट में अपना नाम देखना चाहती हैं.
इस वीडियो में भी यही दिखाया गया है किस तरह सरोज नाम की एक ब्यूटिशियन लड़की देखते ही देखते समाज की महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन गई. पहले तो उसे अपनी टीम बनाने के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा, लेकिन समय के साथ वह लोगों के लिए एक मिसाल बन गई.