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कोई पतंग उड़ा रहा था और उसके मांझे ने किसी की जान ले ली

पतंग उड़ाने में जितना मजा आता है, उससे कहीं ज्यादा दुःख उसके मांझे से किसी की मौत होने पर होता है. चाहे वह मौत किसी पंक्षी या इंसान की ही क्यों न हो.

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  • July 9, 2016 4:22 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
नई दिल्ली. पतंग उड़ाने में जितना मजा आता है, उससे कहीं ज्यादा दुःख उसके मांझे से किसी की मौत होने पर होता है. चाहे वह मौत किसी पंक्षी या इंसान की ही क्यों न हो.
 
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हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि गाजियाबाद में पतंग के मांझे से कटकर एक बाइक सवार की मौत हो गई है. हादसा उस वक्त हुआ जब बिल्डर योगेश शर्मा सिकंदराबाद से दिल्ली वापस आ रहे थे, तभी मांझे से उनकी गर्दन कटने से मौके पर ही मौत हो गई.
 
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देसी मांझा नहीं होता घातक
देशी मांझा जितने ऊंचे दाम का होता है उतना अच्छा माना जाता है, लेकिन ये इतना भी मजबूत नहीं होता कि किसी की गर्दन, उंगली या पैर काट दे. पिछले कई सालों से बाजार में चाईनीज मांझा आया जो दिल्ली में किलो के भाव से मिलता है. इसका रेट बेहद सस्ता होता है. इसकी मजबूती ऐसी होती है कि ये जल्दी टूटता नहीं बल्कि शरीर के किसी अंगों से अगर खिंच जाए तो उसे काट देता है.

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