राहुल गांधी के साथ अब उनकी बहन प्रियंका गांधी भी मिलकर बिखरी हुई पार्टी को एकजुट और खड़ा करने की कोशिश करेंगी. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अब पार्टी में नया प्रस्ताव आया है कि राहुल को इस सितंबर मे पार्टी का अध्यक्ष बना दिया जाए और उसके बाद राहुल की कलम से ही प्रियंका के रोल की भूमिका लिखी जाए.
नई दिल्ली. राहुल गांधी के साथ अब उनकी बहन प्रियंका गांधी भी मिलकर बिखरी हुई पार्टी को एकजुट और खड़ा करने की कोशिश करेंगी. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अब पार्टी में नया प्रस्ताव आया है कि राहुल को इस सितंबर मे पार्टी का अध्यक्ष बना दिया जाए और उसके बाद राहुल की कलम से ही प्रियंका के रोल की भूमिका लिखी जाए.
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सूत्र ये भी बता रहें हैं कि नए फॉर्मूले के तहत राहुल गांधी अध्यक्ष बनेंगे तो प्रियंका को पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनाया जाएगा. संगठन बनाया जाएगा और उनेक पास सिर्फ सारे की कमान होगी. इस तरह से प्रियंका किसी इक राज्य तक सीमित नहीं होंगी और जहां चाहे वहां पार्टी के लिए खड़ी हो सकेंगी.
दरअसल गांधी परिवार ये नहीं चाहता कि प्रियंका सिर्फ यूपी तक ही सीमित रहें, राहुल के अध्यक्ष बनने के बाद पार्टी और परिवार प्रियंका की सक्रिय कैबिनेट में एक बड़ी भूमिका में देखना चाहता है. खुद राहुल गांधी इतिहास में ये कहने से परहेज करते नहीं आए हैं कि प्रियंका मेरी ताकत है. शायद इसलिए कांग्रेस की सबसे बड़ी जिम्मेदारी संभालते समय राहुल अपनी ताकत को भी अपने साथ रखना चाहते हैं, प्रियंका पहले पार्टी में पर्दे के पीछे से लगातार काम करती रही हैं लेकिन अब पार्टी और परिवार का मन है कि इस मुश्किल दौर में प्रियंका को राहुल के साछ कदम से कदम मिलाकर चलना होगा और शायद यही वक्त की दरकार भी है.
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पार्टी के प्लान के अनुसार संसद सत्र के तुरंत बाद पार्टी की सर्वोच्च इकाई कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में इस फॉर्मूले को खोला जाएगा और वहीं से शंखनाद होगा. यूपी के बाद पंजाब से भी ये मांग है कि प्रियंका पंजाब में कांग्रेस के लिए प्रचार करें. दरअसल हाल के दिनों में प्रियंका चर्चा में थी, लेकिन दायरा सीमित यूपी तक था. अब पार्टी और परिवार के मन है कि प्रियंका सिर्फ यूपी की नहीं देश की नेता हैं जिसका दायरा सीमित हो नहीं हो सकता है.