नेपाल में भारी भू-स्खलन के बाद बिहार के पांच जिलों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. 25 अप्रैल को आए भूकंप के बाद से नेपाल में कई बार भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. इन झटकों की वजह से कई जगहों पर भूस्खलन हुआ. नेपाल के बेनीबाज़ार में काली गंडक नदी का रास्ता भूस्खलन की वजह से रुक गया है. रास्ता रुक जाने से बड़ी मात्रा में पानी इकट्ठा होता जा रहा है. अब आशंका जताई जा रही है कि कभी भी पानी के दबाव से मलबे से बना बांध टूट सकता है और निचले इलाकों में बाढ़ आ सकती है.
पटना. नेपाल में भारी भू-स्खलन के बाद बिहार के पांच जिलों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. 25 अप्रैल को आए भूकंप के बाद से नेपाल में कई बार भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. इन झटकों की वजह से कई जगहों पर भूस्खलन हुआ. नेपाल के बेनीबाज़ार में काली गंडक नदी का रास्ता भूस्खलन की वजह से रुक गया है. रास्ता रुक जाने से बड़ी मात्रा में पानी इकट्ठा होता जा रहा है. अब आशंका जताई जा रही है कि कभी भी पानी के दबाव से मलबे से बना बांध टूट सकता है और निचले इलाकों में बाढ़ आ सकती है.
बिहार सरकार ने पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सिवान और सारन ज़िले में बाढ़ की चेतावनी जारी की है. नेपाल की सीमा से सटे बिहार के निचले इलाक़ों में बाढ़ का ख़तरा पैदा हो गया है. बिहार सरकार ने जल संसाधन मंत्रालय के अधिकारियों को अलर्ट पर रखा है, हालांकि सरकार का कहना है कि जिस जगह पर काली गंडक नदी में पानी का जमाव हुआ है, वह भारत-नेपाल बॉर्डर पर बने वाल्मीकि बैराज से 200 किलोमीटर दूर है. ऐसे में ज़्यादा घबराने की ज़रूरत नहीं है.
IANS