दरअसल दिल्ली हाई कोर्ट इस बात से नाराज है कि केेजरीवाल सरकार ने बिना पार्किंग स्पेस तय किए बिना 1000 लो फ्लोर इलेक्ट्रिक बसें खरीदने की प्लानिंग कर ली।
नई दिल्ली.स्टैंडर्ड फ्लोर सीएनजी बसों की जगह एक हजार नई लो-फ्लोर इलेक्ट्रिक बसें खरीदने की प्लानिंग कर रही अरविंद केजरीवाल सरकार को दिल्ली हाई कोर्ट ने फटकार लगाई है. कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि वह इन बसों को कहां पार्क करेगी. एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक एक्टिंग चीफ जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस सी हरिशंकर की अगुआई वाली बेंच ने दिल्ली सरकार और दिल्ली परिवहन निगम से पूछा कि क्या ये 1000 बसें हवा में उड़ेंगी. हाई कोर्ट ने गौर किया कि इन बसों के लिए पार्किंग स्पेस तय किए बिना ही खरीद के आदेश दे दिए गए.
कोर्ट ने दिल्ली सरकार से 1000 इलेक्ट्रिक बसों की खरीद पर समयावधि मांगी है. लो फ्लोर बसों की जरूरत पर जोर देते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि हम इस विशिष्टता (विकलांग व्यक्तियों के खिलाफ) को दिल्ली में होने नहीं देंगे. बसों की पार्किंग के लिए कोई जगह न होने पर कोर्ट ने कहा, हमें यह समझ नहीं आता कि इन बसों का होगा क्या. कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि बसों के लिए पार्किंग स्पेस सुनिश्चित करना बसें या आलू खरीदने जैसा नहीं है.
दलील देते हुए दिल्ली सरकार और डीटीसी ने कहा कि उनके पास बसों को पार्क करने के लिए पर्याप्त जगह है और मल्टी लेवल पार्किंग बनाने की कोई जरूरत नहीं है. इस पर कोर्ट ने कहा कि जमीन का आप उत्पादन नहीं कर सकते. इसलिए चिंता लागत को लेकर नहीं, बल्कि जमीन के सही इस्तेमाल का होना चाहिए. हाई कोर्ट ने दिल्ली के मुख्य सचिव से तुरंत उच्चस्तरीय अधिकारियों की एक बैठक बुलाने को कहा. कोर्ट ने यह भी कहा कि वे अदालत के सामने पार्किंग की जगहों, उनके डिजाइन और काम पूरा करने की डेडलाइन पेश करें.