नई दिल्ली. देश में गर्मी चरम पर है. ऐसे में कई लोगों के ‘लू’ से मरने की खबर आ रही है, इसलिए जरुरी है कि आप इसके कारणो, लक्षणों को समझें और तुरंत अपना और दूसरों का बचाव करें.
लू कैसे लगती है?
लू लगने का मुख्य कारण होता है, धूप और गर्मी में घूमना है. गर्मी से आपकी शारीरिक शक्ति कम हो जाती है, त्वचा झुलस जाती है. इससे गर्म हवा जल्द ही आपके शरीर का तापमान बढ़ा देती और आप लू की लपेट में आ जाते हैं.
लक्षण:
- खार और बदन दर्द लू के पहले लक्षण हैं. इसके साथ घबराहट भी शुरू हो जाती है. सांस लेने में कठिनाई और पैरों के तलवों और आंखों में दर्द होना शुरू हो जाता है. गला सूखने लगता है, त्वचा शुष्क होती है. कई बार आदमी बेहोश भी हो सकता है.
- लू लगने से धड़कन तेज हो जाती है और शरीर का तापमान बढ़ जाता है. चमड़ी का रंग नीला पड़ जाता है. शरीर में पानी की कमी हो जाती है. नसें संकुचित हो जाती हैं.
उपाय:
- लू लगने से रोगी को तुरंत डाक्टर के पास ले जाएं.
- बुखार होने पर रोगी को ठंडी जगह लिटाएं तौलिया या चादर पानी में भिंगोकर रोगी ऊपर डाले थोड़ी-थोड़ी देर बाद उसे बदलते रहिए.
- यदि पेट में जलन हो तो बर्फ की थैली पेट पर रखें या सिर पर रखें, ताकि तापमान में गिरावट आ जाए. रोगी को प्याज का रस, नींबू का रस मिलाकर दें. कच्चे आम का पना, जलजीरा व लस्सी भी अति लाभकर है. जौ का आटा, प्याज मिलाकर शरीर पर लेप करें, इससे तुरंत राहत मिलती है.
- पानी खूब पीजिए. नींबू पानी में नमक मिलाकर दिन में दो-तीन बार पीने से लू नहीं लगती.
- दिन में जितना हो सके लीची एवं गुलाब का शरबत, पुदीने का पानी, लस्सी, गन्ने का रस, ताजे फलों का जूस, ठंडाई पिएं
- पानी वाले फल जैसे तरबूज, खरबूज, अंगूर, लीची, पपीता अधिक खाएं. भोजन में दही, कच्चा प्याज अवश्य लें.
- फलों में शहतूत, जामुन के सलाद पर नींबू डालकर खाएं.
- चाय और काफी का सेवन कम कर दें.
- कहीं बाहर निकलने से पहले पानी पी लेना चाहिए. जहां तक हो सके सूती कपड़ों का प्रयोग करें, ताकि पसीना सूख सके. बाहर जाते समय सिर और गर्दन को ढंक लेना चाहिए.