वीरेंद्र सहवाग के मजाक का बुरा मान गए दो बैंक कर्मचारी, वीरू पाजी ने ऐसे दिया जवाब

भारत और साउथ अफ्रीका के बीच रविवार को खेले गए दूसरे वनडे के आखिरी पलों में अंपायर्स ने लंच ब्रेक की घोषणा कर दी, जिसे लेकर वीरेंद्र सहवाग ने मजाकिया लहजे में बैंक वालों पर तंज कसते हुए ट्वीट किया और दो बैंक कर्मचारी वीरू पाजी के इस ट्वीट का बुरा मान गए. उन्होंने सहवाग को टैग करते हुए आपत्ति दर्ज कराई और फिर सहवाग ने दोनों को मनाते हुए अपने अंदाज में जवाब दिया.

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वीरेंद्र सहवाग के मजाक का बुरा मान गए दो बैंक कर्मचारी, वीरू पाजी ने ऐसे दिया जवाब

Aanchal Pandey

  • February 5, 2018 7:18 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्लीः भारत और साउथ अफ्रीका के बीच रविवार को दूसरा वनडे खेला गया था. वनडे मैच में जीत के लिए भारत को सिर्फ दो रन चाहिए थे कि तभी अंपायर्स ने लंच ब्रेक की घोषणा कर दी. वीरेंद्र सहवाग ने बैंक वालों पर चुटकी लेते हुए इस मामले में ट्वीट किया. दो बैंक कर्मचारी सहवाग के ट्वीट का बुरा मान गए और उन्होंने सहवाग को टैग करते हुए आपत्ति जताई. हाजिरजवाबी के लिए पहचाने जाने वाले वीरेंद्र सहवाग ने भी उन बैंक कर्मचारियों को जवाब दिया.

दरअसल रविवार को भारत और साउथ अफ्रीका के बीच खेले गए वनडे में भारत ने आसानी से जीत हासिल कर ली थी. आखिरी में भारत को जीत के लिए महज दो रन चाहिए थे कि तभी अंपायर्स ने लंच ब्रेक की घोषणा कर दी. दो रन बनाने के लिए भारतीय खिलाड़ियों को 40 मिनट का इंतजार करना पड़ा. जिसके बाद सोशल मीडिया पर अंपायर्स के फैसले को लेकर तंज कसा जाने लगा. लोग तरह-तरह के कमेंट कर रहे थे. इस बीच वीरेंद्र सहवाग ने ट्वीट किया, ‘अंपायर्स भारतीय बल्लेबाजों के साथ बैंकवालों की तरह सलूक कर रहे हैं. लंच के बाद आना.’

ट्विटर पर अपनी हाजिरजवाबी से लोगों के छक्के छुड़ाने वाले सहवाग के इस ट्वीट का दो बैंक कर्मचारियों को बुरा लग गया. एक कर्मचारी ने लिखा, ‘सर मैं बुरा मान गया. मैं आपका हर मैच देखता हूं और एक बैंक में अफसर हूं और वहां आने वाले लोगों से अच्छे से बर्ताव करता हूं.’ एक महिला बैंक कर्मचारी ने सहवाग को लिखा, ‘मैं बैंक में काम करती हूं और आज तक अपने कस्टमर्स को नहीं कहा कि लंच के बाद आना.’

सहवाग ने दोनों को जवाब देते हुए लिखा कि आप दोनों ही अपवाद हैं. ज्यादातर सरकारी बैंकों या सरकारी दफ्तरों में आम लोगों की परवाह नहीं की जाती. वहां कर्मचारी माई-बाप की तरह बर्ताव करते हैं, जैसे वह अपना काम करके अहसान कर रहे हों. लंच के अलावा और भी तरह के बहाने होते हैं. जैसे सर्वर खराब है, प्रिंटर काम नहीं कर रहा. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकारी दफ्तरों का हाल नहीं बदल रहा है.

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