पेप्सी की सीईओ इंदिरा नूई ने की वूमेन फ्रेंडली चिप्स बनाने की वकालत की है. उनका कहना है कि महिलाएं औरों का तरह आवाज कर के चिप्स खाना पसंद नहीं करतीं और न ही वे उंगली चाटकर चिप्स के फ्लेवर का मजा ले पाती हैं. इसके समाधान के लिए वूमेन फ्रेंडली चिप्स बनाए जाने चाहिए.
नई दिल्ली. फ्रैक्कोमिक्स पॉडकास्ट के हालिए एपिसोड में पेप्सी की सीईओ इंदिरा नूई ने कहा है कि महिलाओं के लिए वीमेन फ्रेंडली चिप्स आने चाहिए. उन्होंने कहा कि चिप्स सभी को पसंद होते हैं लेकिन महिलाओं के लिए खाते हुए आवाज करने वाले चिप्स उन्हें असहज कर देते हैं.महिलाएं उंगली चाटकर फ्लेवर का मजा भी नहीं ले पातीं. उन्होंने कहा कि मुझे भी लोगों के बीच आवाज कर के चिप्स खाना पसंद नहीं है. उन्होंने कहा कि हमें चिप्स को वीमेन फ्रेंडली बनाने की जरूरत है जिससे कि महिलाओं और लड़कियों को परेशानी न हो.
इंदिरा नूई ने कहा कि “जैसा कि आप बहुत से युवा लोगों को चिप्स खाते देखते हैं, वे अपने डोरिटोस को इतना पसंद करते हैं कि वे अपनी उंगलियां को भी चाटते हैं, और जब वे पैकेट के नीचे तक पहुंच जाते हैं तो बचे हुए छोटे टुकड़ों को भी खाते हैं, क्योंकि वे वह स्वाद खोना नहीं चाहते. मुझे लगता है कि महिलाओं को भी ऐसा करना अच्छा लगता है, लेकिन वे ऐसा नहीं करतीं. वे लोगों के बीच जोर से आवाज करते हुए खाना पसंद करतीं और न ही अपनी उंगलियों को चाटना चहती हैं.” उन्होंने कहा कि ‘इसके समाधान के लिए महिलाओं के लिए कम क्रंची और पूर्ण स्वाद वाले चिप्स आने चाहिए जो कि उंगलियों पर न चिपकें और पर्स में रखे जा सकें’ उन्होंने कहा कि मुझे फिल्म क्वीन का वो सीन याद पड़ता है. जिसमें कंगना रणावत कहती है कि भारत में महिलाओं को डकार लेने की आजादी नहीं है.
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