सौरव गांगुली ने अपनी आने वाली आत्मकथा 'अ सेंचुरी इज नॉट इनफ' में इसका खुलासा किया कैसे धोनी ने उनको टीम की कमान सौंपी दी थी और उन्होंने तीन ओवर बाद ही वापस कर दी. गांगुली के अनुसार चौथे टेस्ट में धोनी गांगुली ने पास आए और उनसे कहा कि वे आखिरी बार टीम की कप्तानी करें.
नई दिल्ली. भारत के दो महान कप्तान, सौरव गांगुली और महेंद्र सिंह धोनी. वो गांगुली ही थे जिन्होंने धोनी को अपनी काबिलियत दिखाने का मौका दिया. नवंबर 2008 में पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने अपने करियर का आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था. नागपुर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला गया चौथा टेस्ट उनका आखिरी मैच था. तत्कालीन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी टीम को लीड कर रहे थे. मुकाबला काफी करीबी था, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस मैच के आखिरी ओवरों में गांगुली ने कप्तानी की थी.
सौरव गांगुली ने अपनी आने वाली आत्मकथा ‘अ सेंचुरी इज नॉट इनफ’ में इसका खुलासा किया कैसे धोनी ने उनको टीम की कमान सौंपी दी थी और उन्होंने तीन ओवर बाद ही वापस कर दी. गांगुली के अनुसार चौथे टेस्ट में धोनी गांगुली ने पास आए और उनसे कहा कि वे आखिरी बार टीम की कप्तानी करें. हालांकि मैच शुरू होने से पहले भी धोनी ने उनसे पूछा था, जिसके लिए उन्होंने पहले ही मना कर दिया, लेकिन दूसरी बार पूछने के बाद वह मना नहीं कर पाया.
धोनी ने जब उन्हें कप्तानी सौंपी तो गांगुली ने कप्तान की तरह पूरी फील्डिंग सजाई, गेंदबाजी में परिवर्तन किया. हालांकि कुछ ओवर बाद ही उन्होंने ये कहकर धोनी को वापस कप्तानी सौंपी थी कि उन्हें अब इस पर फोकस करने में परेशानी हो रही है और तीन ओवर बाद ही उन्होंने कप्तानी वापस कर दी और कहा एमएस ये तुम्हारा काम है. ये काफी दिलचस्प भी था कि जिस दिन गांगुली आखिरी बार कप्तान बने, ठीक उसी दिन आठ साल पहले भारतीय क्रिकेट की कमान उनके पास आई थी. गौरतलब है कि इस महीने के आखिरी तक सौरव गांगुली की आत्मकथा आएगी, जिसमें उन्होंंने खुद से और मैच से जुड़े कई खुलासे किए हैं
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