सपने क्यों आते है वैज्ञानिक इसकी खोज में लगे हुए है. स्टडी के अनुसार हमारा दिमाग जागते वक्त जितना एक्टिव रहता है उतना ही एक्टिव सपने देखते वक्त भी होता हैं. शिकागो विशविद्यालय के शोध के अनुसार दिमाग में सोने के कारण दिमाग में इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी होती है. इस अवस्था में अकसर लोग सपना देख रहे होते है.
नई दिल्ली. हम सपना क्यों देखते है. इसका सटीक जवाब विज्ञान के पास भी अभी नहीं है. आखिर सपने क्यों आते है वैज्ञानिक इसकी खोज में लगे हुए है. आइए जानते है हम सपने क्यों देखते है स्टडी में पाया गया है कि जब हम सोते है तो हमारा मस्तिष्क दो स्थिती में होता है इस अवस्था को चेतन अवस्था कहा जाता है. शिकागो विशविद्यालय के शोध के अनुसार दिमाग में सोने के कारण दिमाग में इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी होती है. इस अवस्था में अकसर लोग सपना देख रहे होते है. यह वह स्थिती होती है जब इंसान की आंखे तो बंद होती है मतलब वह सो रहा होता है फिर भी आईबॉल अंदर ही अंदर हिल रहे हो ऐसी स्थिती में इंसान सपना देख रहा होता है.
वैज्ञानिको की स्टडी के अनुसार हर व्यक्ति रोजाना दो से तीन बार सपने देखते है. कुछ लोगों को सपने याद रहते है और कुछ लोगों को सपने याद नही रहते है. व्यक्ति के मन के बहुत से विचार होते है जो कई बार पूरे नही हो पाते है. वह भावना हम मन में ही दबी रह जाती है कई बार यही भावनाएं हमारी सपनों के जरिए पूरी हो जाती है. सपनें देखने से मानसिक तनाव कम हो जाता है.
रिसर्चर्स के अनुसार हमारा दिमाग जागते वक्त जितना एक्टिव रहता है उतना ही एक्टिव सोते समय होता है. हमारा दिमाग जागते वक्त जितना एक्टिव रहता है उतना ही एक्टिव सपने देखते वक्त भी होता हैं. यानी कि हमारा दिमाग सोते वक्त भी अच्छी खासी एनर्जी इस्तेमाल करता हैं, इसलिए सपना देखते वक्त हम अलग अलग घटनाओ और भावनाओं को महसूस तो कर पाते हैं लेकिन हमारा शरीर नही हिल रहा होता हैं.
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