देश में भ्रष्टाचार और घूसखोरी की स्थिति से जुड़ी एक सर्वे रिपोर्ट पेश की गई है. इस रिपोर्ट में कई चौकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. इसके मुताबिक, शहरी क्षेत्र में रहने वाला परिवार सालाना औसतन 4400 और ग्रामीण क्षेत्र का परिवार 2900 रुपए घूस देकर अपने काम करा रहे हैं. सर्वे में कहा गया है कि सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार की शिकायतें मनरेगा में देखी गई हैं.
नई दिल्ली. देश में भ्रष्टाचार और घूसखोरी की स्थिति से जुड़ी एक सर्वे रिपोर्ट पेश की गई है. इस रिपोर्ट में कई चौकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. इसके मुताबिक, शहरी क्षेत्र में रहने वाला परिवार सालाना औसतन 4400 और ग्रामीण क्षेत्र का परिवार 2900 रुपए घूस देकर अपने काम करा रहे हैं. सर्वे में कहा गया है कि सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार की शिकायतें मनरेगा में देखी गई हैं.
नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाईड इकोनॉमिक रिसर्च (NCAER) की रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि लखनऊ, पटना, भुवनेश्वर, चेन्नई, हैदराबाद, पुणे आदि शहरों के अलावा ग्रामीण इलाके की जनता भी अपने सरकारी काम, एडमिशन और पुलिस से जुड़े काम के लिए सबसे ज्यादा घूस देती है. शहरों में नौकरी, ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए एक परिवार औसतन सालाना 18000 और ट्रैफिक पुलिस को 600 रुपए सालाना रिश्वत देता है.
मनरेगा में ज्यादा घूसखोरी
सर्वे में कहा गया है कि सबसे अधिक घूस ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को देनी पड़ती है. देश की गरीब जनता सरकार की कई कल्याणकारी योजनाओं जैसे- मनरेगा, खाद्य सामग्री के वितरण, इंदिरा आवास योजना, छात्रवृत्ति का लाभ लेने के लिए घूस देती है. सर्वे में यह भी बताया गया है कि कालाधन जमा करने का सबसे बड़ा तरीका घूसखोरी है.
कहां और कब किया गया सर्वे
सर्वे उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र के 359 परिवारों पर किया गया. सर्वे नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फाइनेंस के सहयोग से सितंबर से दिसंबर 2012 के बीच किया गया. जबकि सर्वे रिपोर्ट 2013-2014 में वित्त मंत्रालय को सौंपी गई. इस रिपोर्ट के आंकड़ों को अब जारी किया गया.
IANS