वित्त मंत्री अरुण जेटली 2018-18 का बजट पेश कर रहे हैं. जेटली के बजट ने किसानों को बड़ी राहत दी है. बजट में किसानों को राहत देने का पूरा ख्याल किया गया है. किसानों को रबी की उपजों के लिए लागत से ज्यादा 50 प्रतिशत समर्थन मूल्य दिया जाएगा. यह घोषणा जब तक किसानों के लिए लाभदायक नहीं है.
नई दिल्लीः वित्त मंत्री अरुण जेटली 2018-19 का बजट पेश कर रहे हैं. जेटली के बजट ने किसानों को बड़ी राहत दी है. बजट में किसानों को राहत देने का पूरा ख्याल किया गया है. किसानों को रबी की उपजों के लिए लागत से ज्यादा 50 प्रतिशत न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया जाएगा. यह घोषणा जब तक किसानों के लिए लाभदायक नहीं है, जब तक यह समर्थन मूल्य जमीन पर किसानों को मिले नहीं. ऐसे कई उदाहरण हैं जब समर्थन मूल्य सिर्फ घोषणा ही रह गए हैं. वित्त मंत्री ने किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) लागत का 150% देने का फैसला लिया है. ये फायदा खरीफ की फसलों पर होगा.
वित्त मंत्री ने घोषणा की कि आलू-प्याज-टमाटर की खेती के लिए 500 करोड़ रुपए देंगे. वहीं कृषि कर्ज को 1 लाख करोड़ बढ़ाकर 11 लाख करोड़ किया गया और 42 मेगा फूड पार्क बनाए जाएंगे. सरकार ऑपरेशन ग्रीन शुरू करेगी. बांस देश के लिए ग्रीन गोल्ड है, इसकी पैदावार बढ़ाने के लिए 1290 करोड़ खर्च किए जाएंगे. फूड प्रोसेसिंग को 1400 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है. ऑपरेशन फ्लड की स्टाइल में आलू और टमाटर के दामों में उतार-चढ़ाव के नुकसान को रोकने के लिए खास इंतजाम किए गए हैं.
मोदी सरकार ने अपने पांचवे बजट में किसानों पर खास ध्यान देते हुए उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य देने का फैसला किया है. हालांकि मोदी सरकार के इस बजट को चुनावी माहौल को देखते हुए देखा जा रहा है. भाजपा सरकार इस वक्त किसानों की नराजगी झेल रही थी. हालांकि अभीतक किसानों की कर्ज माफी से जुड़ा कोई फैसला नहीं आया है.
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