राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ बजट सत्र की शुरुआत हो चुकी है. 1 फरवरी को आम बजट पेश किया जाएगा. सोमवार को संसद में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इकोनॉमिक सर्वे (आर्थिक सर्वेक्षण) पेश किया था. चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर अरविंद सुब्रमण्यम ने इसके बारे में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विस्तृत जानकारी दी. इस दौरान जब एक जर्नलिस्ट ने उनसे डिमांड और रोजगार में गिरावट को लेकर सवाल पूछा तो मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) अरविंद सुब्रमण्यम ने पलटकर पत्रकार से ही पूछ लिया कि क्या आप जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) से पढ़कर आए हैं?
नई दिल्लीः बजट सत्र शुरू हो चुका है. 1 फरवरी को आम बजट पेश किया जाएगा. सोमवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इकोनॉमिक सर्वे (आर्थिक सर्वेक्षण) पेश किया था. इसके बाद मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) अरविंद सुब्रमण्यम ने सर्वे से जुड़े अन्य तथ्यों पर आर्थिक विशेषज्ञों के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पीसी के दौरान पत्रकार CEA अरविंद सुब्रमण्यम से सवाल कर रहे थे. तभी एक मैगजीन के पत्रकार ने अरविंद सुब्रमण्यम से डिमांड और रोजगार में गिरावट को लेकर सवाल पूछ लिया, जिसके जवाब में CEA खुद पत्रकार से पूछ बैठे कि क्या आप जेएनयू से पढ़कर आए हैं?
नीचे दिए वीडियो में आप देख सकते हैं कि अरविंद सुब्रमण्यम के साथ पीसी में कई आर्थिक विशेषज्ञ बैठे हैं. इस दौरान एक जर्नलिस्ट ने डिमांड और रोजगार में गिरावट पर CEA सुब्रमण्यम से सवाल पूछ लिया. CEA फौरन पत्रकार से पूछते हैं कि क्या आप जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) से पढ़कर आए हैं? हालांकि मौके की नजाकत को भांपते हुए वह फौरन डिफेंस मोड में आते हैं और कहते हैं कि वह बस उनकी (पत्रकार) टांग खींच रहे थे. पीसी का वीडियो सामने आने के बाद यह सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. लोग तरह-तरह के रिएक्शन दे रहे हैं. कई लोगों ने इसे सामान्य हंसी-मजाक का दौर बताया तो कुछ लोगों ने अरविंद सुब्रमण्यम द्वारा JNU का जिक्र करने पर उन्हें निशाने पर लिया.
When a Journalist questions Cheif Economic Adviser Arvind Subramamian during Press Conference on Economic survey: “I think we are seeing a dearth of jobs & demands. Does the survey have a view?”
CEA @arvindsubraman: “Did you study in JNU, my friend?” pic.twitter.com/adSsouL3Qa— Mohammed Zubair (@zoo_bear) January 29, 2018
ट्विटर पर एक यूजर प्रंजॉय गुहा ठाकुरता लिखते हैं कि ‘मुख्य आर्थिक सलाहकार द्वारा की गई यह सबसे दुर्भाग्यपूर्ण टिप्पणी है, फिर चाहे उन्होंने यह बात मजाक में ही क्यों न कही हो. सुब्रमण्यम, ह्यूमर के जरिए आपका यह प्रयास पूरे विश्वविद्यालय को बदनाम करने की बड़ी साजिश का हिस्सा है और मैं आपकी टांग बिल्कुल नहीं खींच रहा हूं.’ एक यूजर लिखते हैं कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के छात्र भी JNU की तरह ब्रिटिश सरकार पर हमेशा सवाल उठाते रहते हैं और वहां की सरकार इसे सम्मान के तौर पर लेती है. गौरतलब है कि संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण में आगामी साल में विकास दर 6.75 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है. इसी दिशा में बढ़ते हुए 2018-2019 में आर्थिक विकास की रफ्तार 7-7.5 फीसदी रहने की बात कही गई है. सर्वे में रोजगार, कृषि क्षेत्र, निर्यात आदि महत्वपूर्ण विषयों पर भी चर्चा करते हुए सभी क्षेत्रों में आगामी वर्षों में बेहतरी के संकेत दिए गए हैं.
नोटः Inkhabar.com इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है.