नई दिल्ली. नीति आयोग ने केन्द्र सरकार से सिफारिश की है कि रेल बजट अलग से पेश करने की परंपरा को अब बंद कर दिया जाना चाहिए. बजट को अलग से पेश करना पैसे के साथ-साथ समय की भी बर्बादी है. इसे आम बजट के साथ ही पेश करना चाहिए.
प्रधानमंत्री ने इस विषय पर नीति आयोग से सलाह मांगी थी, जिसके जवाब में आयोग ने प्रधानमंत्री को 20 पन्नों की एक रिपोर्ट सौंपी है. रिपोर्ट में लिखा है कि ब्रिटिश राज के समय से चली आ रही इस परंपरा को हम कब तक ढोते रहेंगे?
रेल बजट को जब आम बजट के साथ पेश किया जा सकता है तो फिजूलखर्च करने का क्या फायदा? इससे देश का ही नुकसान हो रहा है. इसे जल्द से जल्द ख़त्म किया जाना चाहिए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ रेल मंत्रालय ने भी नीति आयोग के इस सुझाव से सहमति जताते हुए इसे जल्द अमल में लाने की बात कही है.