यहूदियों को घर बेचने वाले मुस्लिमों को मौत और हुक्का-पानी बंद

फिलीस्तीन नेशनल वर्क कमीशन ने ऐलान कर दिया है कि इजरायल और फिलीस्तीन की विवादित राजधानी येरूशलम में अगर किसी मुसलमान ने किसी यहूदी को घर या जमीन बेची तो ना सिर्फ उसे मार दिया जाएगा बल्कि उसके परिवार से कोई फिलीस्तीनी बेटी-रोटी का रिश्ता तक नहीं रखेगा.

Advertisement
यहूदियों को घर बेचने वाले मुस्लिमों को मौत और हुक्का-पानी बंद

Admin

  • June 21, 2016 4:43 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
येरूशलम. फिलीस्तीन नेशनल वर्क कमीशन ने खुले तौर पर ऐलान कर दिया है कि इजरायल और फिलीस्तीन की विवादित राजधानी येरूशलम में अगर किसी मुसलमान ने जमीन या घर किसी यहूदी को बेची तो ना सिर्फ उसे मार दिया जाएगा बल्कि उसके परिवार से कोई फिलीस्तीनी बेटी-रोटी का रिश्ता तक नहीं रखेगा.
 
इनख़बर से जुड़ें | एंड्रॉएड ऐप्प | फेसबुक | ट्विटर
 
फिलीस्तीन के मुसलमानों का मानना है कि पूरी दुनिया मुसलमानों की है और किसी भी मुसलमान को एक ईंच जमीन भी किसी गैर-मुस्लिम को देने का हक नहीं है. दूसरे शब्दों में कहें तो किसी मुसलमान को अपना घर या जमीन यहूदी को बेचना अल्लाह की नज़र में गुनाह है.
 
इजरायल से शांति वार्ता में एक ईंच ज़मीन का सौदा भी मुश्किल होगा
 
कमीशन ने इस पैगाम को काफी तेजी से फैलाना शुरू किया है जिसका तात्कालिक नतीजा तो ये है कि फिलीस्तीनी चरमपंथी संगठन उन मुसलमानों की जान ले सकते हैं जो येरूशलम में ऊंचे दाम पर यहूदियों को अपना घर या जमीन बेच रहे हैं. दूरगामी नतीजा ये होगा कि फिलीस्तीन का कोई नेता इजरायल से शांति वार्ता में एक ईंच जमीन का भी सौदा करके समझौता करने से बचेगा.
 
नेशनल वर्क कमीशन ने अपने संदेश में कहा है, “जमीन के दलालों को पता होना चाहिए कि वो मौत से बच नहीं पाएंगे. इतना ही नहीं, उन्हें मुसलमानों के कब्रगाह में जगह नहीं मिलेगी और उनके पूरे परिवार को भी सज़ा दी जाएगी. उनके परिवार में कोई शादी नहीं करेगा और ना ही किसी दूसरे तरह का संपर्क रखेगा.”
 
फिलीस्तीन के गैर-कानूनी कब्जे वाले रुख से अलग ही बात कर रहा है अभियान
 
यह प्रचार फिलीस्तीन के इस आधिकारिक रुख से भी अलग है कि येरूशलम में इजरायल के यहूदी गैर-कानूनी तरीके से मुसलमानों को उनके घर से बेदखल कर रहे हैं. इस प्रचार से ऐसा लगता है कि यहूदी मुंहमांगे दाम पर मुसलमानों से येरूशलम में घर खरीद रहे हैं.
 
कमीशन के इन फरमानों का ऐलान ईस्ट येरूशलम में फिलीस्तीनी एक्टिविस्टों के एक ग्रुप की अगुवाई में किया गया है. इस अभियान को फिलीस्तीन अथॉरिटी के वरिष्ठ अधिकारियों और चरमपंथी संगठन हमास का भी समर्थन है. इस अभियान का मकसद येरूशलम को यहूदियों का गढ़ बनाने से रोकना है.
 
यहूदियों को प्रॉपर्टी बेचने वाले 8 फिलीस्तीनियों को मारा गया था
 
1996 से 1998 के बीच कम से कम 8 ऐसे फिलीस्तीनी नागरिकों को मार डाला गया था जिन पर यहूदियों को प्रॉपर्टी बेचने या यहूदियों के लिए बिचौलियागिरी करने का शक था. फिलीस्तीनी कानून भी किसी यहूदी को घर या जमीन बेचने पर पाबंदी लगाता है.
 
2009 में फिलीस्तीन की एक अदालत ने 59 साल के अनवर ब्रेगिट को इजरायली नागरिक को ज़मीन बेचने के आरोप में मौत की सज़ा दी थी. हालांकि इस सज़ा पर अमल नहीं किया गया लेकिन संदेश चला गया कि जिस फिलीस्तीनी ने किसी यहूदी को जमीन या घर बेचा, उसे मौत का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए.
 
2014 में फिलीस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने एक आदेश जारी करके यहूदियों को या दुश्मन देश के लोगों को जमीन या घर बेचने पर सज़ा को और कड़ा कर दिया. अब्बास ने यह आदेश उन खबरों के बाद जारी किया जिसमें येरूशलम के सिलवन इलाके में फिलीस्तीनियों द्वारा यहूदियों को घर बेचने का मामला सामने आया था.
 
Stay Connected with InKhabar | Android App | Facebook | Twitter
 
2011 की जनगणना के मुताबिक 8 लाख की आबादी वाले येरूशलम शहर में 4 लाख 97 हजार यहूदी, 2 लाख 81 हजार मुसलमान, 14000 ईसाई और 9000 अन्य समुदाय के लोग रहते हैं. येरूशलम पर इजरायल का कब्जा है लेकिन फिलीस्तीन इसे अपनी राजधानी मानता है. येरूशलम में यहूदियों, मुसलमानों और ईसाइयों के पवित्र स्थल हैं.

Tags

Advertisement