वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आम बजट से पहले आर्थिक सर्वे लोकसभा में पेश किया. आर्थिक सर्वे के कलर को लेकर चर्चाएं हो रही हैं. पिंक कलर का यह आर्थिक सर्वे महिला सशक्तिकरण को समर्पित है. इसमें महिला सशक्तिकरण के 17 मानकों के बारे में चर्चा की गई है. आम बजट 1 फरवरी को पेश होगा.
नई दिल्ली. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने आम बजट से पहले 2017-18 का आर्थिक सर्वे पेश किया. यह आर्थिक सर्वे पिंक कलर में पेश किया गया है. संसद के बजट सत्र में पेश किए गए आर्थिक सर्वे के कलर को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं कि आखिर कलर का आर्थिक सर्वे से क्या संबंध है? दरअसल, सरकार ने इस आर्थिक सर्वे को महिला सशक्तिकरण एवं लैंगिक समानता को समर्पित किया है. सर्वे में कहा गया है कि लैंगिक समानता बहुआयामी मुद्दा है. और पूर्वोत्तर के राज्यों ने लैंगिक समानता के मुद्दे पर बेहतरीन काम किया है, जो पूरे देश के लिए एक मॉडल हो सकता है.
सर्वे में लैंगिक भेदभाव की बात तीन आयामों के आधार पर की गई है. ये हैं- एजेंसी. ऐटिट्यूड और आउटकम. इसमें एजेंसी का अर्थ है प्रजनन, खुद और परिवार पर खर्च करने का फैसला लेने की क्षमता, ऐटिट्यूड का मतलब है महिलाओँ के प्रति हिंसा, बेटों की तुलना में बेटियों की संख्या. आउटकम के तहत आखिरी बच्चे के जन्म के आधार पर बेटा या बेटी को महत्व, परिवार नियोजन के फैसले, शादी की आयु, शिक्षा का स्तर, महिलाओं के रोजगार, पहले बच्चे के जन्म के वक्त आयु आदि का अध्ययन किया गया है.
आर्थिक सर्वे में इन संकेतकों के जरिए समाज में महिला सशक्तिकरण की पड़ताल की गई है. सर्वे में बताया गया है कि बीते 10 से 15 साल में भारत ने महिलाओं के जीवन स्तर में सुधार के 17 संकेतकों में से 14 में अच्छा प्रदर्शन किया है. हालांकि रोजगार, परिवार नियोजन के उपाय और बेटे को प्राथमिकता जैसे मसलों पर भारत को अब भी लंबा सफर तय करना है.
आर्थिक सर्वे में सिर्फ रंग को लेकर ही नहीं बल्कि इसमें शामिल डॉयलॉग्स और एक्टर्स, उपन्यासकारों की भी चर्चा हो रही है. आर्थिक सर्वे में कवि से लेकर उपन्यासकार और बड़े अर्थशास्त्रियों के लेकर बॉलीवुड के अभिनेताओं तक के नाम का जिक्र है. दरअसल आर्थिक सर्वे में देश की अर्थव्यवस्था की तस्वीर पेश करने के लिए इनके कोट्स का इस्तेमाल किया गया है.
Economic Survey 2017-18 tabled in Lok Sabha by FM Jaitley pic.twitter.com/dnsM3PRxHZ
— ANI (@ANI) January 29, 2018
बजट 2018: मिडिल क्लास पर घट सकता है टैक्स का बोझ, तीन लाख तक कमाई हो सकती है टैक्स फ्री
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