लखनऊ. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की बातचीत के बाद इस बात पर चर्चा है कि पार्टी शीला दीक्षित को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बना सकती है. यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने राहुल या प्रियंका का सुझाव दिया था. लेकिन पार्टी रणनीतिकारों ने मना कर दिया.
शीला दीक्षित कन्नौज से सांसद भी रह चुकी हैं. अभी लखनऊ में कांग्रेस के नए प्रभारी गुलाम नबी आजाद 900 कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक कर रहे हैं यह दो दिनों तक चलेगी. इसके बाद उत्तर प्रदेश में नया प्रदेश अध्यक्ष भी बनाया जाना है.
UP की बहू हैं शीला
यूपी में प्रमुख चेहरे के लिए प्रशांत किशोर की तीसरी पसंद शीला दीक्षित थीं. शीला दीक्षित पंजाबी हैं. उनका जन्म कपूरथला में हुआ है और उनकी शादी उत्तर प्रदेश के ब्राहमण नेता उमाशंकर दीक्षित के बेटे से हुई थी तो इस लिहाज से शीला दीक्षित उत्तर प्रदेश में बहू मानी जाती हैं.
ब्राह्मणों के लिए शीला का चेहरा
जानकारों का मानना है कि कांग्रेस का परंपरागत वोट बैंक रहे ब्राह्मण समुदाय के लोग मंदिर-मंडल की राजनीति के उभरने के बाद बीजेपी के पाले में चले गये थे. इस बीच मायावती की बसपा को भी बड़ी संख्या में ब्राह्मणों का वोट मिलने लगा.
कांग्रेस नेता कमलनाथ के पंजाब प्रभारी के पद से इस्तीफे के बाद दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को यह जिम्मा सौंपा जा सकता है. इसके लिए शीला दीक्षित ने गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की. बता दें कि तीन दिन पहले पंजाब के प्रभारी बनाए गए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने विवादों को देखते हुए पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से उन्हें इस पद से मुक्त करने का अनुरोध किया जिसे स्वीकार कर लिया गया है.