नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ड्रग की समस्या केवल पंजाब में नहीं बल्कि पुरे देश में है और खासकर उन राज्यों में जिनकी सीमा पड़ोसी राज्यों से सटी है. सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी उड़ता पंजाब फिल्म पर रोक की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान की है. हालांकि उडता पंजाब मूवी की रिलीज पर रोक लगाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दखल देने से इनकार किया है.
गुरुवार को मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा बॉर्डर के पास के राज्यों में ड्रग्स की समस्या ज्यादा है और इसकी दो मुख्य वजहें हैं पहली बॉर्डर पास होने से इन राज्यों में ड्रग की सप्लाई आसानी हो जाती है और दूसरा बेरोजगारी की वजह से भी लोग ड्रग्स के आदि हो जाते है.
वहीं कोर्ट ने फिल्म के कुछ शब्दों को लेकर आपत्ति जताते हुआ कहा की कुछ शब्द बेहद अश्लील है जिसको लेकर सेंसर बोर्ड ने भी आपत्ति जताते हुए कट लगाया है. कोर्ट ने फिल्म के निर्माता की वकील से पूछा क्या आपको लगता है की इस तरह के शब्दों की जरूरत है. जिसपर निर्माता की तरफ से कहा गया की ये शब्द स्टोरी के हिसाब से लिखे गए है.
तब सुप्रीम कोर्ट ने आपत्ति जताते हुए कहा की ड्रग एडिट कभी भी अश्लील शब्द या गलियों का प्रयोग नहीं करते. ये संभव है कि ड्रग न मिलने की वजह से वो बेचैन हो जाते है और ऐसे में उनका नर्वस सिस्टम प्रभावित होने लगता है लेकिन फिर भी वो गलियों का इस्तेमाल नहीं करते.
इस पर फ़िल्म निर्माता के तरफ से दलील दी गई कि ये कहानी चार अलग अलग लोगों पर केन्द्रीत है वो अलग अलग जगहों से आये है इस लिए इन शब्दों का इस्तेमाल किया गया ताकि कहानी खड़ी हो सके और वैसे भी फिल्म को ‘ए’ सर्टिफिकेट मिला है.
तब सुप्रीम कोर्ट ने कहा की इस दौर में ‘ए’ सर्टिफिकेट का कोई मतलब नहीं है क्योंकि 90 फ़ीसदी लोग या तो मोबाइल या फिर टीवी पर ही फिल्में देखते है केवल 10 फीसदी ही सिनेमाघरों में जाते है. कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा की ड्रग एडिट चोरी तो कर सकता है लेकिन किसी का अपहरण कर फिरोती नहीं वसूल सकता.
जिसपर फिल्म निर्माता की तरफ से कहा गया कि इस फिल्म में ड्रग लेने वाला गालियां नहीं देता बल्कि उसको दूसरे लोग देते हैं. जैसे पुलिस वाले या बाहर से आये लोग.फिल्म निर्माता के तरफ से ये भी दलील दी गई की सुप्रीम कोर्ट ने बैंडिट क्वीन फिल्म में इस तरह के शब्दों के साथ हरी झंडी दी थी क्योंकि की वो शब्द फिल्म की बुनियाद और कहानी के लिए जरूरी था.
एनजीओ ह्यूमैन राइट्स अवेयरनेस असोसिएशन ने कहा कि फिल्म ने पंजाब की छवि को ख़राब किया है. साथ ही कोर्ट को बताया कि इस फ़िल्म पर रोक को लेकर एक जनहित याचिका पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में भी दाखिल की गई जिसपर आज सुनवाई है.
तब सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट मामले को देख रही है और वहां फिल्म देखी गई है. ऐसे में हम दखल नहीं दे सकते.
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा है कि वह चाहें तो हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं. साथ ही कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा है कि वह हाई कोर्ट के फैसले का इंतजार करें और फिर फैसले के बाद वह सुप्रीम कोर्ट आ सकते हैं. इसके बाद याचिकाकर्ता ने अर्जी वापस ले ली.
एनजीओ ह्यूमैन राइट्स अवेयरनेस एसोसिएशन उड़ता ने उड़ता पंजाब मूवी के रिलीज पर रोक के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया था. याचिका में कहा गया था कि फिल्म में राज्य के छवि को गलत तरीके से पेश किया गया है ऐसे में फिल्म के रिलीज पर रोक लगाई जाए.