आरोही की एक एक कर सारी चाल कामयाब हो रही है. घर में पहले दीप और अब तारा को अपना शिकार बनाने वाली आरोही ने इस बार तारा को इतना परेशान कर दिया कि खुद दीप भी अब तारा को बिमार समझने लगता है. आरोही घर में सुनंदा का दिल जीतने में भी कामयाब हो जाती है. घर के बाकी नौकरों को आरोही पर शक होता है. दीप आज के एपिसोड में आरोही की याद में भी डूबा दिखाई दिया.
नई दिल्ली : तारा को बॉलकनी से कूदने पर मजबूर कर देने वाली आरोही की चाल कामयाब हो जाती है. घायल तारा को देखने वही डॉक्टर आता है जिसने उसके पागलपन का इलाज किया था. डॉक्टर सुनंदा को कहता है कि एसा नही हो सकता कि तारा की बिमारी वापस आए क्योंकि उसने ही तारा को इलाज करा है और उसे अपने इलाज पर पूरा भरोसा है. वो कहता है कि तारा के इस कदम के पिछे कोई और बात है जिसका पता लगाना चाहिए.
खाने की टेबल पर तारा दीप से कहती है कि बॉलकनी से ना कूदकर उसने ये बता दिया है कि वो तारा से प्यार नही करता है. इस बात पर दीप चाकू से अपना हाथ काटने की कोशिश करता है जिसे आरोही रोक लेती है. नौकरानी बनी आरोही सुनंदा का दिल जीतने में कामयाब हो जाती है. घर में बनी खीर को दीप खाता है जिसे खाकर उसे आरोही की याद आती है और वो खीर खाने से इंकार कर देता है.
दीप से बदला लेने के बाद आरोही अपना अगला लक्ष्य तारा को बनाती है. और मौका ढूढंती है तारा को सबक सिखाने का. आरोही घर से ही तारा को ब्लैंक कॉल करती है और उसे बोलती है की वो जानती है कि तारा ने कई बेगुनाह लोगो का खून किया है. तारा डर जाती है और चिल्लाने लगती है. तारा सुनंदा को बुलाती है और सारी बात बताती है. सुनंदा तारा को विश्वास दिलाती है की वो उसे ढूंढ निकालेगी जिसने तारा को ये कॉल किया है. सुनंदा सोच में पड़ जाती है कि आखिर वो कॉल तारा को किसने किया होगा.
जैसे को तैसा कि नीति अपना रही आरोही अब तारा के कमरे में उसी के शीशे में खून से उसकी हकीकत लिख देती है जिससे डर कर तारा दीप को बुलाती है लेकिन जब तक दीप कमरे में आता है आरोही शीशे को साफ कर देती है. जिससे दीप को लगता है की तारा एक बार फिर बिमार हो रही है.
सुनंदा आरोही को ज़िम्मेदारी देती है अपने बिमार पति को संभालने की लेकिन दीप उसको कहता है कि पिताजी को लकवा मारा है और उनकी सेवा करके कुछ नही होगा.
कल आरोही कुछ और नई चालों से तारा को फसाने की कोशीश करती दिखाई देगी जो देखना काफी दिलचस्प होगा.