21 जनवरी यानी आज तिलकुंद या तिलकूट चतुर्थी का त्योहार है. इसे 'विनायक चतुर्थी' भी कहा जाता है. आज के दिन विशेष तौर पर विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश का पूजन किया जाता है. माघ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को यह त्योहार मनाया जाता है. आज के दिन महिलाएं व्रत रखती हैं. आज के दिन संतान की इच्छा रखने वाली महिलाएं भी व्रत करती हैं और भगवान गणेश से संतान की कामना करती हैं. तो अब आपको बताते हैं, 'विनायक चतुर्थी' की पूजा विधि. किस तरह पूजन करने से भगवान गणेश प्रसन्न होंगे और देंगे संतान, सुख-शांति और समृद्धि का आशीर्वाद.
नई दिल्लीः हिंदू धर्म में तिलकुंद या तिलकूट चतुर्थी का बेहद विशेष महत्व है. इस बार 21 जनवरी यानी आज तिलकूट चतुर्थी मनाई जाएगी. इस त्योहार के दिन विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश की पूजा की जाती है. माघ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को यह त्योहार मनाया जाता है. भारत के कई हिस्सों में इसे ‘विनायक चतुर्थी’ भी कहा जाता है. आज के दिन महिलाएं व्रत रखती हैं. पुराणों के अनुसार महिलाओं के लिए इस व्रत का विशेष महत्व बताया गया है. मान्यता है कि आज के दिन भगवान गणेश का पूजन करने से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं. तिलकूट चतुर्थी के दिन व्रत रखकर भगवान गणेश के पूजन से सुख-समृद्धि, धन, ऐश्वर्य और शांति की प्राप्ति होती है.
पूजन विधिः
तिलकुंद, तिलकूट या विनायक चतुर्थी के दिन सुबह नित्यकर्म और स्नान आदि के बाद साफ वस्त्र पहनें. मंदिर में आसन पर बैठकर भगवान गणेश का पूजन करें. ध्यान रहे कि गणेश जी की पूजा करते समय अपना मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखें. सर्वप्रथम गणेश भगवान की प्रतिमा को पंचामृत से स्नान कराएं इसके बाद उन्हें तिलक लगाएं. फल-फूल, दूब, मिष्ठान आदि चढ़ाएं और फिर दीप और धूप से गणेश महाराज की पूजा करें. पूजन के दौरान गणेश जी को तिल और गुड़ से बनी वस्तुओं या मोदक आदि का भी भोग लगाएं. इसके बाद ‘ऊं गं गणपतये नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए. शाम के समय भगवान गणेश के व्रत की कथा सुनने के बाद उनकी प्रतिमा के समक्ष दीप-धूप जलाएं और आरती करें.
बताते चलें कि विनायक चतुर्थी का व्रत जीवन में सुख-शांति और समृद्धि के लिए किया जाता है. इस दिन संतान की इच्छा रखने वाली महिलाएं भी व्रत करती हैं और भगवान गणेश से संतान की कामना करती हैं. हिंदू पंचाग के अनुसार मध्यान्ह पहर यानी दिन के मध्य में विनायक चतुर्थी के पूजन का भी विशेष महत्व है. शुभ मुहूर्त में पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. ऐसी मान्यता है कि जो भी महिला सच्चे मन से तिलकूट चतुर्थी का व्रत करती है, भगवान गणेश स्वयं उसे संतान, सुख-शांति और समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं.