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बजट 2018: मीठे की रस्म से शुरू हुई आम बजट की छपाई, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बनाया हलवा

हलवा सेरेमनी के साथ ही आधिकारिक रूप से आम बजट की छपाई का काम शुरू हो गया. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने हलवा बनाकर इस रस्म की अदायगी की. अब से लेकर बजट पेश होने तक प्रिंटिंग प्रेस के कर्मचारी और वित्त मंत्रालय के 100 अधिकारी नजरबंद रहेंगे. बजट डॉक्यूमेंट की छपाई के बाद से सिर्फ वित्त मंत्रालय को वरिष्ठ अधिकारियों को अपने घर जाने की छूट होती है.

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Halwa Ceremony General Budget 2018
  • January 20, 2018 11:01 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्ली. केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा हलवा बनाने की प्रक्रिया के साथ ही 2018 के बजट के दस्तावेजों की छपाई का काम शुरू हो गया है. वित्तमंत्री अरुण जोटली ने हलवा सेरेमनी की जानकारी ट्वीट कर दी है. हलवा सेरेमनी के बाद से ही प्रिंटिंग प्रेस के तमाम कर्मचारियों सहित वित्त मंत्रालय के 100 अधिकारी बजट पेश होने तक नजरबंद रहेंगे. केंद्र सरकार इस बार 1 फरवरी को बजट पेश करेगी. संसद का बजट सत्र 29 जनवरी से शुरू हो रहा है.

बता दें कि हलवा सेरेमनी के बाद प्रिंटिंग और वित्त मंत्रालय के जो कर्मचारी/अधिकारी बजट छपाई में लगते हैं वे बजट पेश होने तक नजरबंद रहते हैं. उन्हें न तो घर जाने की परमीशन होती है और न ही वे किसी से फोन पर बात कर सकते हैं. यह सब बजट पेश होने से पहले गोपनीयता बनाए रखने के लिए किया जाता है. वित्त मंत्री हलवा बनाते हैं जो सभी कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए बांटा जाता है. हलवा सेरेमनी की रस्म में वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ वित्त राज्य मंत्री शिव पी शुक्ला और नॉर्थ ब्लॉक के वरिष्ठ अधिकारियों ने शिरकत की.

आम बजट तैयार करने में वित्त मंत्रालय के तमाम अधिकारियों की प्रमुख भूमिका होती है. वित्त मंत्री और वित्त सचिव समेत तमाम अधिकारी बजट का खाका तैयार करने में अपने अपने हिस्से की भूमिकाओं का निर्वहन करते हैं. बजट पत्र हिंदी और अंग्रेजी भाषा में छापे जाते हैं. इस दौरान यहां सभी लोग संचार के साधनों से कटे रहते हैं. हालांकि वित्त मंत्रालय के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों को अपने घर जाने की अनुमति होती है.

इस बार के आम बजट से लोगों को बहुत सारी उम्मीदें हैं. माना जा रहा है कि मोदी सरकार के कार्यकाल का अंतिम पूर्ण बजट होने के कारण इसमें लोगों को बहुत सारी सहूलियतें मिल सकती हैं. आम जनता से लेकर निवेशक, वेतनभोगी और स्वरोजगार करने वाले लोगों, किसानों, वरिष्ठ नागरिकों से लेकर विद्यार्थियों तक हर किसी की इस बजट से उम्मीदें हैं.  अगले साल लोकसभा चुनाव होने के कारण लोगों की उम्मीदें और ज्यादा बढ़ गई हैं. 

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