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सड़क दुर्घटनाओं में हर रोज मरते हैं 400 लोग: नितिन गडकरी

सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने देश में हो रही सड़क दुर्घटनाओं पर चिंता जाहिर करते हुए बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि हर रोज देश में करीब 1,400 सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिसमें 400 लोग मारे जाते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया में सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं भारत में होती हैं.

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  • June 10, 2016 9:07 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
नई दिल्ली. सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने देश में हो रही सड़क दुर्घटनाओं पर चिंता जाहिर करते हुए बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि हर रोज देश में करीब 1,400 सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिसमें 400 लोग मारे जाते हैं. उन्होंने  यह भी कहा कि दुनिया में सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं भारत में होती हैं. 

 
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रिपोर्ट में हुआ खुलासा
इस बात का खुलासा सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ‘भारत में सड़क दुर्घटना -2015’ नाम से जारी रिपोर्ट में हुआ है. इसके अनुसार स्वीडन में पिछले साल महज एक सड़क दुर्घटना हुई थी. जबकि भारत में पांच लाख सड़क हादसे हुए थे.

 
ड्राइवरों की गलती सबसे बड़ा कारण
रिपोर्ट के मुताबिक इन दुर्घटनाओं के पीछे सबसे बड़ा कारण ड्राइवरों की गलती है. ड्राईवर्स की गलती के चलते 77 फीसदी सड़क दुर्घटनाएं होती हैं. जबकि सड़कों में खामी के चलते मात्र 1.5 प्रतिशत दुर्घटनाएं ही होती हैं. वहीं परिवहन मंत्रालय ने अब देश भर में फैले 726 ब्लैक स्पॉट्स की पहचान की है जहां बार बार हादसे होते हैं. मंत्रालय अब राज्य सरकारों से बात करके इन जगहों पर रोड का डिजाइन दुरुस्त करने का काम शुरू कर दिया है.
 
प्रस्तावित नए मोटर विधेयक
गडकरी ने कहा कि लापरवाह ड्राइवरों पर अंकुश लगाने के लिए राष्ट्रीय राजमार्गों पर कैमरे लगाए जाएंगे और ऐसे ड्राइवरों पर कड़े दंड लगाए जाएंगे. गडकरी ने यह भी कहा कि ‘‘हमें उम्मीद है कि नया मोटर वाहन अधिनियम संसद के आगामी सत्र में पारित हो जाएगा, क्योंकि राजस्थान के परिवहन मंत्री की अगुवाई वाला मंत्रियों का दल कड़े दंडों पर अपनी रिपोर्ट सौंप सकता है और मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलने के बाद उसे संसद में पेश किया जाएगा.’
 
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क्या हैं नए मोटर विधेयक ?
प्रस्तावित नए मोटर विधेयक में कंप्यूटरीकृत सेंटरों पर ड्राइवरों के परीक्षा पास होने के बाद ही ड्राइविंग लाइसेंस हासिल किए जा सकते हैं. इस परीक्षा का नतीजा सेटेलाइट के माध्यम से खुद ही संबंधित आरटीओ के पास भेजा जाएगा और आरटीओ के लिए तीन दिन के अंदर लाइसेंस जारी करना अनिवार्य होगा, अन्यथा अधिकारी को दंड का सामना करना पड़ेगा.
 

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