नई दिल्ली. केंद्र सरकार और न्यायपालिका में टकराव बढ़ता जा रहा है. केंद्र सरकार ने लगातार दूसरी बार कॉलेजियम के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली कॉलेजियम ने पटना हाईकोर्ट में एक एडिशनल जज की नियुक्ति की सिफ़ारिश की थी, लेकिन सरकार ने उसे ठुकरा दिया.
सूत्रों की माने तो 2013 में कॉलेजियम ने पटना हाई कोर्ट में एडिशनल जज की नियुक्ति की सिफारिश की थी. लेकिन केंद्र सरकार ने इसको ठुकराते हुए फिर से विचार करने को कहा था. सरकार ने कॉलेजियम के इस प्रस्ताव को इंटेलिजेंस ब्यूरो कि रिपोर्ट पर ठुकराया था.
इस बीच ये फाइल केंद्र सरकार के पास ही लंबित थी. उसी बीच राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (NJAC) एक्ट 13 अप्रैल 2015 को पास हुआ, लेकिन पिछले साल अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट ने इस एक्ट को रद्द कर दिया था, जिसके बाद एक बार फिर से कॉलेजियम के जरिये सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जस्टिस की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया था.
जिसके बाद केंद्र सरकार ने एक बार फिर पुरानी सिफारिशों पर गौर करना शुरू किया. जिसके बाद कॉलेजियम की सिफारिश को मार्च 2016 में वापस सीजेआई के पास भेजा गया, लेकिन कॉलेजियम अपने प्रस्ताव पर अडिग रही उसने फिर से अप्रैल में केंद्र सरकार के पास सिफ़ारिश भेजी.
वर्तमान समय में अगर कॉलेजियम दोबारा अपने उसी प्रस्ताव को केंद्र सरकार के पास भेजे तो उनको उसे पास करना ही पड़ेगा. लेकिन अगर केंद्र सरकार चाहे तो इस प्रस्ताव पर कोई जवाब न दे कर पूरी प्रक्रिया को लंबित कर सकती है.