जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में अटेंडेंस विवाद इतनी आसानी से खत्म होता दिखाई नहीं दे रहा है. सोमवार को छात्रों ने अलग-अलग अंदाज में यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया. छात्रों की मांग है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन अपने उस फैसले को वापस लें जिसके तहत हर क्लास में अब 75 फीसदी उपस्थिति अनिवार्य की गई है. सोमवार को कुछ छात्र जेएनयू प्रशासन पर मनमानी का आरोप लगाते हुए वीसी प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार के खिलाफ ही जमीन पर अटेंडेंस लगाने लगे तो कुछ छात्र वीसी को RSS समर्थक बताते हुए खाकी पैंट (शाखा की ड्रेस का हिस्सा) लेकर प्रदर्शन करने लगे. जेएनयू प्रशासन किसी भी सूरत में अपना फैसला वापस लेने की स्थिति में नहीं है.
नई दिल्लीः जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में अटेंडेंस विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. जेएनयू छात्र वाइस चांसलर (वीसी) के खिलाफ लगातार विरोध कर रहे हैं. सोमवार को कुछ छात्र जेएनयू प्रशासन पर मनमानी का आरोप लगाते हुए वीसी प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार के खिलाफ ही जमीन पर अटेंडेंस लगाने लगे. सोमवार को जेएनयू छात्रसंघ की तरफ से आदेश के खिलाफ एक यूनिवर्सिटी स्ट्राइक भी बुलाई गई. बताते चलें कि जेएनयू प्रशासन ने 8 जनवरी से सभी छात्रों के लिए क्लास में 75 फीसदी उपस्थिति अनिवार्य करने का आदेश जारी किया है. 75 फीसदी अनिवार्य उपस्थिति का यह आदेश जेएनयू के कुछ छात्रों को रास नहीं आ रहा है.
जेएनयू प्रशासन को अंदाजा था कि सोमवार को छात्र संगठन विरोध के लिए सामने आएंगे, लिहाजा प्रशासन ने हर क्लास के बाहर सुरक्षा गार्ड तैनात करवाए. सिविल ड्रेस में भी महिला-पुरुष सुरक्षा गार्ड थे. बताते चलें कि जैसे ही जेएनयू प्रशासन को यूनिवर्सिटी स्ट्राइक के बारे में पता चला, जेएनयू के रजिस्ट्रार ने सुरक्षा अधिकारियों को एक सर्कुलर जारी करते हुए आदेश दिया कि 15 जनवरी को स्कूलों के बाहर गार्ड तैनात किए जाएं ताकि जो छात्र क्लास अटेंड करना चाहते हैं, उनसे जबरदस्ती क्लास बॉयकॉट न कराई जाए. रजिस्ट्रार के इस आदेश से छात्रसंघ और भड़क गया. जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष गीता कुमारी ने कहा कि आरएसएस समर्थक वीसी एम. जगदीश कुमार का यह आदेश हरगिज नहीं माना जा सकता.
सोमवार को कई छात्र संगठनों ने अपने-अपने अंदाज में प्रशासन के अटेंडेंस संबंधी आदेश को लेकर विरोध जताया. कुछ छात्रों ने जहां पेंटिंग बनाकर विरोध किया तो कुछ छात्रों ने नाटक करते हुए अटेंडेंस ऑर्डर का बॉयकॉट किया. कुछ छात्रों ने वीसी को RSS समर्थक बताते हुए खाकी पैंट (शाखा की ड्रेस का हिस्सा) लेकर प्रदर्शन किया. बताते चलें कि जेएनयू प्रशासन किसी भी सूरत में अपना फैसला वापस लेने की स्थिति में नहीं है. वहीं दूसरी तरफ JNUTA यानी जेएनयू टीचर्स एसोसिएशन अनिवार्य उपस्थिति के मुद्दे पर छात्रसंघ के साथ खड़ा है. टीचर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने विश्वविद्यालय प्रशासन के फैसले पर असहमति जताई है. हाल में जेएनयू छात्रसंघ के पदाधिकारी सामूहिक हाजिरी लगाने के लिए वीसी दफ्तर भी पहुंचे थे, जिसपर प्रशासन ने अध्यक्ष गीता कुमारी सहित अन्य पदाधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.
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