विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया अचानक हुए लापता, अहमदाबाद, मेहसाणा और हिम्मतनगर में कई जगहों पर VHP का प्रदर्शन

अहमदाबाद के सोला पुलिस थाने के अधिकारी ने दावा किया है कि तोगड़िया को गिरफ्तार करने के लिए श्रीगंगानगर पुलिस ने सोला पुलिस को वारंट दिया था. लेकिन पुलिस की दबिश के दौरान तोगड़िया घर पर नहीं मिले. पुलिस अधिकारी ने गिरफ्तारी की खबर को अफवाह बताया है. वहीं क्राइम ब्रांच के अधिकारी विहिप कार्यालय के सीसीटीवी फुटेज जांच रहे हैं. तोगड़िया के साथ एक और व्यक्ति गायब है. दोनों को ढूंढ़ने के लिए क्राइम ब्रांच ने चार अलग-अलग टीमें बनाई है.

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विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया अचानक हुए लापता, अहमदाबाद, मेहसाणा और हिम्मतनगर में कई जगहों पर VHP का प्रदर्शन

Aanchal Pandey

  • January 15, 2018 8:08 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

अहमदाबाद. विश्व हिंदू परिषद ने आज अचानक ये कहकर सबको चौंका दिया कि वीएचपी के अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण भाई तोगड़िया गायब हो गए हैं, ना अपने निवास पर हैं और ना ही उनका फोन लग रहा है. दोपहर होते होते ये खबर पूरे गुजरात में फैल गई और चार बजे अहमदाबाद के सोला पुलिस स्टेशन के बाहर वीएचपी के कार्य़कर्ता और तोगडिया समर्थकों ने घेरा डाल दिया. आरोप लगाया कि गुजरात पुलिस की मदद से राजस्थान पुलिस ने सुबह सुबह उन्हें गिरफ्तार कर लिया है. गुजरात के कई इलाकों से इस तरह के विरोध प्रदर्शन की खबरें आईं. अब आलम ये है कि तोगडिया अभी भी गायब हैं, लेकिन संघ से आदेश और पुलिस की सफाई के बाद वीएचपी कार्यकर्ताओं ने विरोध खत्म कर दिया है.

आखिर मामला क्या है? दरअसल सुबह 10 बजे राजस्थान की पुलिस अहमदाबाद के सोला पुलिस स्टेशन पहुंची और वीएचपी के फायर ब्रांड नेता प्रवीण तोगडिया के खिलाफ धारा 188 का पुराना मामला बताते हुए अरेस्ट वारंट लेकर पहुंची. दरअसल इसी पुलिस स्टेशन के इलाके में तोगडिया का निवास है. ये मामला दरअसल 10 साल पुराना है. ये मामला सवाई माधोपुर के कस्बे गंगापुर का है. धीरे धीरे ये खबर पूरे अहमदाबाद में फैल गई, जिसने भी तोगडिया या उनके सहायकों को फोन लगाया सभी के फोन स्विच ऑफ आए, फिर तो लोग जुटने लगे, आवास पर जमा हुए लोग सोला पुलिस स्टेशन पहुंचे, फिर गांधीनगर सरखेज हाईवे पर जाम लगा दिया. काफी देर बाद दोनों ही राज्यों की पुलिस के अधिकारियों ने बयान जारी किया कि पुलिस टीम तोग़डिया के निवास पर पहुंची तो थीं, लेकिन वो वहां नहीं मिले और फोन भी ऑफ था.

लेकिन तब तक वीएचपी ही नहीं बीजेपी नेताओं के बयान भी आ चुके थे. इसमें चौंकाने वाली बात ये थी कि प्रवीण तोगडिया को जेड सिक्योरिटी मिली हुई है, कोई इस लेवल का बंदा गायब हो जाए या पुलिस गिरफ्तार करे चाहे हिरासत में ले, ऐसा मुमकिन ही नहीं है कि वीएचपी के नेताओं को उनके नेता की खबर ना मिले. वो भी तब जब दोनों ही राज्यों के साथ साथ केन्द्र में भी बीजेपी की सरकार है.

तो फिर तोगड़िया कहां गए? वो भी अपनी सिक्योरिटी और सहायकों के लाव लश्कर के साथ? दिलचस्प बात ये है कि अचानक ऊपर से आदेश के बाद सभी तरह के विरोध प्रदर्शन रोक लिए गए हैं. सभी कार्यकर्ताओं को ये बता दिया गया है कि वो पुलिस की गिरफ्त में नहीं है, सुरक्षित हैं. लेकिन फिर भी तोगडिया का फोन ऑफ है और वो कोई भी बताने की स्थिति में नहीं है कि वो सामने क्यों नहीं आ रहे, फोन क्यों बंद कर रखा है? वीएचपी से जुड़े संगठन बजरंग दल के राष्ट्रीय संयोजक से जब इन खबर ने बातचीत की तो उनका कहना था, ‘’कार्यकर्ताओं की चिंता थी कि कहीं उनको पुलिस जबरन उठाकर तो नहीं ले गई, लेकिन अब पुलिस ने क्लीयर कर दिया है कि वो उनकी गिरफ्त या हिरासत में नहीं है. इसलिए हमने कार्यकर्ताओं को विरोध करने के लिए मना किया है.‘’

जाहिर है कोई भी तोगड़िया की स्थिति और इस पूरे हंगामे की वजह बताना नहीं चाहता कि तोगडिया अचानक कहां गायब हो गए. लेकिन जिस तरह से भुवनेश्वर की बैठक में विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष का चुनाव टाल दिया गया और उसके पीछे प्रवीण तोगडिय़ा की जगह किसी और के नाम पर संघ की सहमति की खबरें सामने भी आईं तो इससे ये तो पता चलता है कि अंदरखाने कुछ ठीक नहीं चल रहा है. पहले से ही प्रवीण भाई तोगडिया के पीएम नरेन्द्र मोदी से बेहतर रिश्ते नहीं है, ऐसे में उनके संघ से भी रिश्ते पटरी से उतरते दिख रहे हैं. सो उनके अचानक फोन बंद करके गायब होने के पीछे लोग तमाम वजहें ढूंढ रहे हैं.

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