चंड़ीगढ़. हरियाणा में जाट आरक्षण पर लगी रोक के खिलाफ दायर अर्जी पर सोमवार को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई करेगा. इससे पहले कोर्ट ने सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार और जाट संगठनों को कोई राहत न देते हुए मामले स्टे देने से मना कर दिया था. इस मामले में हरियाणा सरकार और जाट नेता हवा सिंह सांगवान ने जाट और छह जातियों को आरक्षण देने पर लगाई गई रोक को हटाने के लिए याचिका दी थी.
क्या था याचिका में ?
सुनवाई में हरियाणा सरकार की तरफ सुप्रीम कोर्ट के वकील जगदीप धनखड़ पेश हुए थे. अर्जी दाखिल करते हुए हरियाणा सरकार और हवा सिंह सांगवान ने कहा था कि हाईकोर्ट ने मामले में सरकार का पक्ष सुने बिना ही जाटों व पांच अन्य जातियों के दिए गए आरक्षण पर रोक लगा दी है.
आंदोलन की फिर से शुरूआत
वहीं दूसरी ओर हरियाणा में रविवार से एक बार फिर जाट आंदोलन की शुरूआत हो गई चुकी है, जिसे देखते हुए हरियाणा सरकार की ओर से 8 जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई थी. लेकिन रिपोर्ट्स के मुताबिक ऑल इंडिया जाट आरक्षण संघर्ष समिति (एआईजेएएसएस) की ओर से प्रस्तावित आंदोलन पहले ही दिन फेल हो गया. इस आंदोलन को दूसरे जाट संगठनों का साथ नसीब नहीं हो सका है. आंदोलन के दौरान विभिन्न जगहों पर काफी कम लोगों की मौजूदगी देखने को मिली.
राज्य सरकार ने जारी किया था नोटिस
बता दें कि कि राज्य सरकार ने जाट नेताओं को नोटिस भेजकर चेतावनी दी है कि लोगों को भड़काने पर उनकी निजी संपत्ति जब्त की जा सकती है. एआईजेएएसएस प्रमुख यशपाल मलिक और चार अन्य नेताओं पर सरकार पहले ही देशद्रोह का केस दर्ज करवा चुकी है.