लोहड़ी 2018: ये हैं लोहड़ी पर दुल्ला भट्टी की कहानी और सुंदरी मुंदरिये गीत का महत्व

Lohri 2018: 13 जनवरी को लोहड़ी का त्योहार बड़े ही धुमधाम से मनाया जाता है. खासकर पंजाब और हरियाणा प्रांत में लोहड़ी का विशेष महत्व होता है. लोहड़ी वाले दिन शाम को ढोल नगाड़े बजते है. साथ ही जमकर नाच-गाना होता है. लड़के भांगड़ा करते हैं. लड़कियां और महिलाएं गिद्धा करती है. इस दिन फुल्ले, मुगफली और गुड की रेवड़ी खायी जाती है. साथ ही लोहड़ी से जुड़ी कई कहानी और कथाए प्रचलित है.

Advertisement
लोहड़ी 2018: ये हैं लोहड़ी पर दुल्ला भट्टी की कहानी और सुंदरी मुंदरिये गीत का महत्व

Aanchal Pandey

  • January 12, 2018 8:50 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्ली. 13 जनवरी को उत्तर भारत में लोहड़ी का त्योहार बड़े ही धुमधाम से मनाया जाता है. खासकर पंजाब में लोहड़ी के त्योहार को बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है. पंजाब में लोहड़ी की अलग ही धुम देखने को मिलती है. लोहड़ी के त्यौहार पर अग्नि के चारो ओर चक्कर लगया जाता है. साथ ही अग्नि देवता पर मुगंफली, गुड की रेवडी और फुल्ले को अर्पित किया जाता है. इन दिनो बाजारों में अलग ही रोनक देखने को मिलती हैं. चलिए जानते है लोहड़ी का त्योहार क्यो मनाते है?

क्यों और कैसे मनाते हैं लोहड़ी?
लोह़डी के त्यौहार के प्रकृति को धन्यवाद कहने के लिए मनाया जाता है. लोहड़ी वाले दिन शाम को ढोल नगाड़े बजते है. साथ ही जमकर नाच-गाना होता है. लड़के भांगड़ा करते हैं. लड़कियां और महिलाएं गिद्धा करती है. इस दिन गुड की रेवड़ी, मुगफली और फुल्ले खाया जाता है. साथ ही इसे सभी लोगों में बाटा जाता है. लोहड़ी का त्योहार फसल की बुआई और उसकी कटाई से जुड़ा हुआ है. नवविवाहित जोड़े के लिए पहली लोहड़ी का विशेष महत्व होता है. लोहड़ी के दिन नवविवाहित जोड़ा अग्नि के चारो ओर फेरे लेते है और अपने दांपत्य जीवन की मंगलकामना करते है.

लोहड़ी पर दुल्ला भट्टी की कहानी और सुंदरी मुंदरिये गीत काफी प्रचलित है,
ऐसा कहा जाता है कि मुगल शासन काल में दुल्ला भट्टी पंजाब में रहता था. उस समय लड़कियों का सौदा किया जाता था. और दूसरे धर्म में जबरन शादी कर दी जाती थी. तो दुल्ला भट्टी ने सौदागरों से लड़कियों को बचाकर उनकी शादी हिन्दू लड़कों से करवाई.इसलिए दुल्ला भट्टी को नायक के रूप में माना जाता है. और लोहड़ी पर दुल्ला भट्टी की कहानी सुनाई जाती है. और सुंदरी मुंदरिये का गीत गाकर दुल्ला भट्टी को याद किया जाता है.
सुंदरी मुंदरिये गीत
सुंदर मुंदरिये… हो तेरा कौन बेचारा,
हो दुल्ला भट्टी वाला…हो दुल्ले घी व्याही,
हो सेर शक्कर आई…हो कुड़ी दे बाझे पाई,
हो कुड़ी दा लाल पटारा… हो

मकर संक्रांति 2018: इस दिन भूलकर भी न करें ये 10 काम वरना नहीं बरसेगी सूर्य देव की कृपा

लोहड़ी 2018: इस वजह से दी जाती है लोहड़ी त्योहार पर अग्नि में रेवड़ी, मुंगफली, मक्का की आहुति

Tags

Advertisement