पवित्र अमरनाथ यात्रा की 60 दिन की यात्रा आने वाले 28 जून से शूरु हो जाएगी. पिछले साल के मुकाबले इस बार अमरनाथ यात्रा 20 दिन ज्यादा चलेगी. बीते साल यह यात्रा 40 दिन की थी. धार्मिक यात्रा पर जाने के तैयारी कर रहे लोग 1 मार्च से देश भर के 32 राज्यों के 437 बैंकों के जरिए पंजीकरण करवा सकेंगे.
नई दिल्ली: जम्मु – कश्मीर में स्थित पवित्र अमरनाथ यात्रा की 60 दिन की यात्रा आने वाले 28 जून से शूरु हो जाएगी. पिछले साल के मुकाबले इस बार अमरनाथ यात्रा 20 दिन ज्यादा चलेगी. बीते साल यह यात्रा 40 दिन की थी. धार्मिक यात्रा पर जाने के तैयारी कर रहे लोग 1 मार्च से देश भर के 32 राज्यों के 437 बैंकों के जरिए पंजीकरण करवा सकेंगे. बता दें कि पिछले सालों की तरह इस बार भी पंजीकरण के लिए मेडिकल फिटनेस प्रमाण पत्र बनना अनिवार्य होगा. श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) ने इसकी जानकारी दी.
श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड के मुताबिक, बोर्ड का निर्णय है कि 60 दिन की यह यात्रा हिंदू कैलेंडर के हिसाब से 28 जून यानी ज्येष्ठ पूर्णिमा के शुभ मौके पर शुरू की जाएगी और परंपरा के अनुसार ही रक्षा बंधंन के दिन 26 अगस्त को समाप्त होगी. जम्मु-कश्मीर के राज्यपाल और एसएएसबी अध्यक्ष एनएन वोहरा ने दिल्ली में हुई एक बैठक के दौरान यह फैसला लिया. इसके साथ ही बैठक के दौरान विचार- विमर्श करने का बाद श्राइन बोर्ड ने एनजीटी के द्वारा बीते 13 और 14 दिसंबर के निर्देशओं पर समीक्षा याचिका दाखिल करने का फैसला लिया.
दरअसल, एनजीटी ने बीचे 13 दिसंबर 2017 में अमरनाथ गुफा को साइलेंस जोन घोषित किया था और वहां प्रवेश सीमा से आगे धार्मिक कार्यों पर रोक लगा दी थी. हलांकि, एनजीटी के इस फैसले का काफी विरोध किया गया था. जिसके बाद 14 दिसंबर को एनजीटी ने अपने फैसले पर सफाई देते हुए कहा था कि अधिकरण ने गुफा के अंदर मंत्रो के जाप और भजन को गाने पर रोक नहीं लगाई है. उन्होंने केवल कहा है कि हर एक श्रद्धालु को अमरनाथ जी महा शिवलिंग के सामने शांती बनाकर रखनी चाहिए.
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