लखनऊ. फ्लिपकार्ट, अमेजॉन, और स्नैपडील जैसे ई-कॉमर्स साइट से ऑनलाइन शॉपिंग की आदत है तो तैयार हो जाइए इन सामानों पर 5% ज्यादा पे करने के लिए. रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश गवर्नमेंट ई-रिटेलर्स से खरीदे गए सामानों पर 5 प्रतिशत एंट्री टैक्स लागू करने जा रही है. मंगलवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल ने इस प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी. कैबिनेट की मंजूरी के बाद जल्द ही एंट्री टैक्स का नोटिस जारी कर दिया जाएगा. एंट्री टैक्स लगने से प्रदेश में दूसरे राज्यों से आना वाला 1000 रुपये का प्रॉडक्ट करीब 50 रुपये महंगा हो जाएगा.
खुदरा दुकानदारों को ध्यान में रखकर ये फैसला
ई-बिजनस की वजह से मुनाफे पर पड़ी मार की वजह से राज्य के लाखों खुदरा दुकानदार काफी गुस्से में हैं. सरकार का यह कदम इन्हीं दुकानदारों को भरोसे में लेने का एक प्रयास है. सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक, ‘5 प्रतिशत का एंट्री टैक्स उन लाखों खुदरा दुकानदारों के पक्ष में लिया गया एक ऐतिहासिक फैसला है जिनके हाथों से व्यवसाय छिन रहा था. इसके अलावा ई-कॉमर्स कंपनियां हर महीने करोड़ों रुपये का टैक्स देने से बच रही थीं क्योंकि वह सरकार को कुछ भी नहीं दे रही थीं. दूसरी ओर पारंपरिक खुदरा दुकानदार पहले से ही एंट्री टैक्स दे रहे हैं.’
दूसरे राज्यों से होती है सामानों की सप्लाई
कॉमर्स कर विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, यूपी में ई-कॉमर्स साइट्स के जरिए सप्लाई होने वाला 90 प्रतिशत सामान दूसरे राज्यों (दिल्ली, कर्नाटक, हरियाणा) से आता है जबकि 10 प्रतिशत सामान के लिए कुरियर कंपनियों ने गोदाम बना रखा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, यूपी में 10 हजार करोड़ रुपये का ऑनलाइन शॉपिंग का बाजार है. वहीं, लखनऊ में इसकी हिस्सेदारी 10% से भी ज्यादा बताई जाती है. उत्तराखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल में ऑनलाइन शॉपिंग के जरिए खरीदे गए सामानों पर इसी तरह का टैक्स लग रहा है. उत्तर प्रदेश सरकार इस टैक्स से करीब 500 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है.