दिल्ली में जिग्नेश मेवाणी की युवा हुंकार रैली को ट्वीटर पर लोगों ने जमकर आड़े हाथों लिया किसी ने रैली के दौरान खाली पड़ी कुर्सियों को लेकर उन्हें ट्रोल किया तो किसी ने उन पर दलित नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए जमकर निशाना साधा है
नई दिल्लीः गुजरात से विधायक व दलित नेता जिग्नेश मेवाणी की दिल्ली में हुंकार रैली को लेकर ट्वीटर पर लोगों ने उन्हें जमकर ट्रोल किया. देश में दलितों की हालत के लिए पीएम मोदी को जिम्मेदार ठहराने वाले जिग्नेश मेवाणी को ट्वीटरबाजों ने खूब निशाने पर लिया. दिल्ली की पार्लियामेंट स्ट्रीट में हुई हुंकार रैली को लेकर लोगों ने सोशल मीडिया पर जिग्नेश की रैली को सुपर फ्लॉप बताया. हुंकार रैली के दौरान वेन्यू पर खाली पड़ी कुर्सियों की फोटो को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए जिग्नेश मेवाणी का खूब मजाक बनाया गया.
ट्वीटर यूजर साहिल सिंधु ने लिखा लोगों ने दलित राजनीति को सिरे से नकार दिया है. हुंकार रैली बहुत बड़ी फ्लॉप साबित हुई. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हुंकार रैली से ज्यादा लोग तो आपको चाय की दुकान पर मिल जाएंगे. वहीं प्रसाद कारवा का कहना है कि इतना समय होने के बाद भी रैली में लोग नहीं दिख रहे है रैली पूरी तरह से फेल फ्लॉप हो गई है, उन्होंने खाली कुर्सियों की फोटो शेयर करते हुए जिग्नेश मेवाणी पर तंज कसा. उन्होंने कहा कि मुझे फोटोज में कहीं भी भीड़ दिख ही नहीं रही, मुझे लगता है युवाओं ने इसे नकार दिया है. उन्होंने मजाक बनाते हुए लिखा कि सुना ‘उन्होंने’ झंडे पकड़ने के लिए भी 500 रुपये दिए हैं.
https://twitter.com/sunnysingh695/status/950627019049517056
I am Dalit
I don't support @jigneshmevani80 #YuvaHunkarRally
He is an elected representative of #Gujarat and shall strategise to uplift Dalit and marginalised.
Rallies like #YuvaHunkarRally in the national capital is just for #MediaFootage and nothing more!
— अणिमा सोनकर (@AnimaSonkar) January 9, 2018
https://twitter.com/KejriTrolls/status/950638637749714945
Dear #JigneshMevani
Before asking PM to choose b/w Manusmriti and Constitution.
📎You should choose 1 b/w Urban naxalism or Constitution.
📎Caste politics or Constitution.
📎Dalitism or Hindustaniyat🇮🇳#YuvaHunkarRally pic.twitter.com/iMToq4uTFk— श्रद्धा | Shraddha (@immortalsoulin) January 9, 2018
It's funny to see – it's already 12:32pm – and #YuvaHunkarRally seems to be flop.
Not able to see – any photos from the venue with so much of crowd. Seems Yuva disowned them.
Also heard, they are giving 500rs to hold flags. Haha!
— Prasad Karwa (@PrasadKarwa) January 9, 2018
वहीं उमाशंकर पांडे ने जिग्नेश मेवाणी के लिए लिखा कि एक तरफ पीएम मोदी हैं जो देश के विकास के लिए अपना सौ प्रतिशत दे रहे हैं वहीं दूसरी तरफ ये लोग जाति के नाम पर राजनीति कर देश को विकास की पटरी से नीचे उतारने की कोशिश में लगे हुए हैं. जबकि श्रद्धा का कहना है कि जिग्नेश मेवाणी को पीएम यह पूछने से पहले कि वह मनुस्मृति चुनेंगे या संविधान जिग्नेश को यह बताना चाहिए कि वह क्या चुनेंगे शहरी नक्सलबाद या संविधान, जाति की राजनीति या संविधान, जातिवाद या हिंदुस्तानियत. वहीं एक ट्वीटर यूजर अनीमा सोनकर ने लिखा कि मैं खुद भी दलित हूं लेकिन मैं जिग्नेश मेवाणी की हुंकार रैली का समर्थन नहीं करती. उन्होंने कहा कि जनता ने उन्हें दलितों के विकास के लिए विधायक चुना है, लेकिन हुंकार रैली जैसे आयोजन केवल मीडिया में सुर्खियां बटोरने के लिए है इससे ज्यादा कुछ नहीं.