नई दिल्ली. बिजली कटौती से परेशान दिल्ली में अरविंद केजरीवाल सरकार की कड़ी फटकार के बाद दिल्ली बिजली नियामक आयोग ने आदेश जारी किया है कि जिसके मुताबिक बिजली कटने पर अब बिजली वितरण कंपनियों को ग्राहकों को कटौती के शुरुआत के दो घंटे 50 रुपए प्रति ग्राहक प्रति घंटा और उसके बाद 100 रुपए जुर्माना देना पड़ेगा.
दिल्ली सरकार के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने मीडिया से बताया कि अब बिना बताए बिजली कटौती करने पर कंपनी को हर्जाना भरना पड़ेगा. आयोग के आदेश से वितरण कंपनियों को बड़ा झटका लगा है.
आयोग के आदेश के मुताबिक कोई भी ऐसी बिजली कटौती जिससे 100 से ज्यादा घर प्रभावित हो रहे हों, उसके लिए कंपनियों को ग्राहकों को जुर्माना देना पड़ेगा. ये साफ नहीं है कि कंपनी जुर्माने की रकम कैसे देगी लेकिन ये समझा जा सकता है कि बिल में जुर्माने की रकम कटकर आएगी.
100 घर पर असर होना चाहिए बिजली कटौती का तभी मिलेगा जुर्माना
दिल्ली बिजली नियामक आयोग ने बिजली आपूर्ति की बहाली के नियमों में बदलाव करते हुए कुछ मामलों में कंपनी के लिए ग्राहकों को जुर्माना देने का प्रावधान कर दिया है. तार टूटने, सिस्टम में खराबी, हाईटेंशन की खराबी जैसे कुछ मामलों में जुर्माना का प्रावधान नहीं किया गया है लेकिन दो घंटे के अंदर आपूर्ति बहाली की वैकल्पिक व्यवस्था करने और 12 से 48 घंटे के अंदर स्थायी समाधान करने कहा गया है.
बिजली कटौती तीन मामले ऐसे हैं इस आदेश में जिस केस में ग्राहक को कंपनी को जुर्माना देना पड़ सकता है लेकिन सबमें एक शर्त है कि उस कटौती का असर कम से कम 100 घर पर हो. जुर्माना फिक्स है. कटौती के पहले के दो घंटे 50 रुपए प्रति घंटा प्रति ग्राहक और उसके बाद भी ठीक नहीं हुआ तो 100 रुपए प्रति घंटा प्रति ग्राहक.
पहला केस ये है कि ग्रिड या सब-स्टेशन में गड़बड़ी के कारण बिजली चली जाए. दूसरा केस ये है कि ट्रांसफॉर्मर खराब हो जाए. तीसरा केस है रोस्टर लोड शेडिंग का. तीनों ही केस में जितनी देर ग्राहक के घर की बत्ती बंद रहेगी उतने ही देर तक कंपनी पर जुर्माने का मीटर चालू रहेगा.