500 रुपए में आधार कार्ड नंबर बिकने की खबर को छापने वाले अखबार ‘द ट्रिब्यून’ ,रिपोर्टर रजना खैरा और तीन लोगों के खिलाफ विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने खबर को फर्जी बताते हुए एफआईआर दर्ज कराई जिसके बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने यूआईडीएआई और केंद्र सरकार को घेरना शुरू कर दिया है.
नई दिल्ली: महज 500 रुपए में आधार कार्ड नंबर बिकने की खबर को छापने वाले अखबार ‘द ट्रिब्यून’ ,रिपोर्टर रजना खैरा और तीन लोगों के खिलाफ विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने इस खबर को फर्जी बताते हुए एफआईआर दर्ज कराई है. जिसके बाद सोशल मीडिया पर लोगों और पत्रकारों ने यूआईडीएआई और केंद्र में शासित बीजेपी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. वहीं विपक्षी दलों के नेताओं ने भी सरकार पर जमकर तंज कसे हैं.
इस मामले में वरिष्ठ पत्रकार बरखा दत्त ने ट्वीट करते हुए कहा है कि अगर किसी को लगता है कि ‘द ट्रिब्यून’ में छपने वाली स्टोरी गलत है या अपवादक है तो तथ्यों पर बहस किजिए. अपने काम कर रहे एक रिपोर्टर पर एफआईआर करने क्या है? वहीं टोनी जोसफ नामक एक शख्स ने ट्वीट करते हुए कहा है कि ‘पहले ये साबित करें कि आधार कार्ड का डाटा नहीं बिक रहा है फिर आप उस रिपोर्टर पर एफआईआर करिए जिसने डाटा ब्रीच की खबर को एक्सपोज किया है.’ वहीं वरिष्ठ पत्रकार सुशांत सिन्हा ने इस मामले पर ट्वीट करते हुए लिखा ‘ सिस्टम की खामियां सामने लाना तो पत्रकार का काम है. आधार का डेटा आसानी से बिक रहा है,ये कमी उजागर करने वाले ‘द ट्रिब्यून’ के पत्रकार को सम्मानित करने की बजाए उसपर FIR हो गई, हद है. मतलब जानकारी बिके तो बिके,लीक हो तो हो पर कोई पत्रकार उसे सामने न लाए?ये क्या सिस्टम है नरेंद्र मोदी जी?
Ditto. Refute disagreements. If you think Tribune story defamatory or inaccurate argue it- on fact- but whats with the FIR against a reporter doing her job? https://t.co/yVUC2NSRZo
— barkha dutt (@BDUTT) January 7, 2018
Totally wrong for UIDAI to file an FIR against the journalist who exposed #AadharLeaks If a loophole is pointed out Govt should work on fixing the flaw rather than try to shoot the messenger. Don’t intimidate journalists. Not on. https://t.co/6mxDrZlrLC
— Rahul Kanwal (@rahulkanwal) January 7, 2018
सिस्टम की खामियां सामने लाना तो पत्रकार का काम है।आधार का डेटा आसानी से बिक रहा है,ये कमी उजागर करने वाले #Tribune के पत्रकार को सम्मानित करने की बजाए उसपर FIR हो गयी।हद है।मतलब जानकारी बिके तो बीके,लीक हो तो हो पर कोई पत्रकार उसे सामने न लाए?ये क्या सिस्टम है @narendramodi जी?
— Sushant Sinha (@SushantBSinha) January 7, 2018
First you claim there "has been no data breach". Then you file an FIR against the reporter who exposed the data breach, for data breach! https://t.co/PK4H5QdvPe
— Tony Joseph (@tjoseph0010) January 7, 2018
पत्रकार राहुल कंवल ने ट्वीट करते हुए कहा है कि ‘आधार जानकारी लीक होने की खबर को एक्सपोज करने वाले पत्रकारों पर एफआईआर करने बिल्कुल गलत है. अगर किसी चीज में कोई खामी नजर आ रही है तो सरकार को उसे ठीक करना चाहिए न कि उस खामी को बाहर लाने वाले शख्स पर हावी होना चाहिए. पत्रकारों को भयभीत न करें.’ आपको बता दें कि बीते दिनों अंग्रेजी अखबार ‘द ट्रिब्यून’ ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी. रिपोर्ट में यह दावा किया गया था कि एक गैंग सिर्फ 500 रुपए में लोगों के आधार कार्ड का नंबर लीक कर रहा है. इस खबर के फैलते ही यूआईडीएआई ने द ट्रिब्यून’ ,रिपोर्टर रजना खैरा और तीन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. जिसके बाद विपक्षी दलों और पत्रकारों ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है.
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