इंदौर. राष्ट्रीय संत भय्यूजी महाराज से मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपील की है की वे वैराग्य जीवन के फैसले पर फिर से विचार करें. सीएम ने कहा है कि जनहित के लिए उनका सार्वजनिक जीवन समाज कल्याण के लिए बेहद जरूरी है. समाज को उनके आध्यत्मिक नेतृत्व की जरूरत है. बता दें कि कुछ दिन पहले ही भय्यूजी महाराज ने अपने सार्वजनिक जीवन से संन्यास लेने ऐलान किया था.
‘मां भारती के लिए जिंदगी गुजार दी’
भय्यूजी महाराज ने कहा कि मैंने अपनी जिंदगी साफ और स्वच्छ तरीके से जीना पसंद किया है. मैंने मां भारती के लिए जितना कर सका वो मैंने किया और मानवता या समाज के लिए जितना कर सकता हूं उतना कर रहा हूं. समाज में जो पाखंड़ हो रहा है उससे मेरा मन भर गया है इसलिए मैं अपने इस क्षेत्र से त्याग कर रहा हूं.
कौन हैं भय्यू महाराज?
भय्यूजी महाराज का वास्तविक नाम उदयसिंह देखमुख है. उनका जन्म शुजालपुर के एक किसान परिवार में हुआ था. उनका मुख्य आश्रम इंदौर स्थित बापट चौराहे पर है. सदगुरु दत्त धार्मिक ट्रस्ट उनके सानिध्य में संचालित होता है. पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, पीएम नरेंद्र मोदी, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देखमुख, शरद पवार, लता मंगेशकर, उद्धव ठाकरे और मनसे के राज ठाकरे, आशा भोंसले, अनुराधा पौडवाल, फिल्म एक्टर मिलिंद गुणाजी भी उनके आश्रम आ चुके हैं. भय्यू महाराज की पत्नी माधवी का गतवर्ष निधन हो गया था. माधवी मूलरूप से औरंगाबाद की रहने वाली थीं. भय्यू महाराज की एक बेटी कुहू है जो पूणे में रहकर पढ़ाई कर रही है.