सरकार ने वित्त वर्ष 2017- 18 के GDP के अनुमान के आंकड़े जारी कर दिए हैं. सेंट्रल स्टैटिस्टिक्स ऑफिस के अनुसार वित्त वर्ष में विकास दर 6.5 फीसदी के आसपास रहेगी. माना जा रहा है कि जीडीपी में ये गिरावट नोटंबदी और माल एवं सेवा कर के क्रियान्वयन के प्रभाव के कारण सामने आई है.
नई दिल्ली. केंद्र की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने वित्त वर्ष 2017- 18 के लिए आज सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का पहला अनुमान जारी कर दिया है. सेंट्रल स्टैटिस्टिक्स ऑफिस (CSO) के अनुसार इस वित्त वर्ष में विकास दर में बड़ी कमी देखने मिल सकती है. बीते साल 7.1 फीसदी रही यह दर इस साल 6.5 फीसदी के आसपास रहेगी. वहीं इससे पहले 2015-16 में यह दर 8 फीसदी के करीब थी. कृषि और विनिर्माण क्षेत्र के खराब प्रदर्शन की वजह से ये जीडीपी चार साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंचेगी. नरेंद्र मोदी की सरकार के कार्यकाल में जीडीपी की ये सबसे कम वृद्धि दर है. बता दें कि जीडीपी का दूसरा अनुमान तीसरी तिमाही के आंकड़े के साथ 28 फरवरी को जारी कर दिया जाएगा जबकि पूरे वर्ष के आंकड़े 2018 में ही जारी कर दिए जाएंगे. नोटंबदी और माल एवं सेवा कर (GST) के क्रियान्वयन के प्रभाव के कारण चालू वित्त वर्ष में आर्थिक गतिविधियों में गिरावट सामने आएगी.
सेंट्रल स्टैटिस्टिक्स ऑफिस के अनुसार चालू वित्त वर्ष में विनिर्माण क्षेत्र में 2016-17 में 7.9 प्रतिशत रही वृद्धि दर घटकर 4.6 प्रतिशत पर आने का अनुमान है. इसके अलावा चालू वित्त वर्ष में कृषि, वन और मत्स्यपालन के क्षेत्र की वृद्धि दर कम होकर 2.1 प्रतिशत पर लुढकने का अनुमान है, जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष में यह 4.9 प्रतिशत थी. ऐसे में इन आंकड़ों से साफ है कि आने वाले समय में आर्थिक मोर्चे मोदी सरकार को पर कई चुनौतियों से सामना करना पड़ सकता है. जिनमें से एक अगले महीने के शुरुआत में पेश होने वाला आम बजट भी है.
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