तीन तलाक बिल के वर्तमान स्वरूप को लेकर मायावती ने कहा कि इसमें गंभीर कमियां हैं. इस बिल को स्टेंडिंग कमिटी को भेजा जाना चाहिए. मोदी सरकार ने यह बिल भी नोटबंदी और जीएसटी की तरह जल्दबाजी में तैयार किया है. बीएसपी तीन तलाक का विरोध करती है लेकिन वर्तमान बिल में सुधार होना चाहिए.
लखनऊ. तीन तलाक बिल पर बीएसपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती का बयान आया. तीन तलाक बिल को लेकर मायावती ने बीजेपी पर निशाना साधा. बिल में गंभीर त्रुटियां और कमियां होने का दावा करते हुए मायावती ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के अड़ियल व अलोकतांत्रिक रवैये के कारण अगर यह विधेयक वर्तमान स्वरूप में पारित होकर कानून बन जाता है तो मुस्लिम महिलाओं को दोहरे अत्याचार का शिकार होना पड़ेगा. इससे उनका हित होने के बजाय अहित ही होगा.
मायावती ने कहा कि तीन तलाक पर प्रतिबंध से संबंधित कानून बनाने को लेकर बीएसपी सहमत है लेकिन वर्तमान विधेयक में सजा आदि का जो प्रावधान किया गया है वह तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं के लिए और भी ज्यादा बुरा होकर उनके लिए दिन प्रतिदिन की और भी नई समस्याएं पैदा करेगा जिससे उनका जीवन और भी मुश्किल हो जाएगा और वे शोषण का शिकार होंगी. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को इस प्रकार की कमियों पर खुले मन से विचार करना चाहिए जिसके संबंध में बेहतर विचार-विमर्श हेतु इस विधेयक को राज्यसभा की प्रवर समिति को भेजने की मांग की जा रही है.
मायावती ने कहा कि मोदी सरकार ने इस मामले में इतनी जल्दबाजी की है कि विपक्षी पार्टियों से थोड़ा सलाह-मशविरा करना भी जरूरी नहीं समझा. दरअसल मोदी सरकार को मनमानी करने की आदत हो गई है. चाहे नोटबंदी का अपरिपक्व फैसला हो या जल्दबाजी में लाया गया जीएसटी का कष्टदायी निर्णय. अब तीन तलाक बिल में भी इसी तरह की जल्दबाजी की जा रही है. मोदी सरकार घोर मनमानी के साथ-साथ अड़ियल रवैये के साथ फैसले ले रही है. अड़ियल रवैये के कारण ही हर नई व्यवस्था देश की जनता के लिए जान का जंजाल ही साबित हुई है. मायावती ने कहा कि ऐसा लगता है कि मोदी सरकार अपनी मुस्लिम-विरोधी नीति व कार्यकलाप के कारण पूरे समाज को उद्वेलित करना चाहती है ताकि यह मामला भी हिन्दू-मुस्लिम बन जाये और फिर भाजपा अपनी राजनीतिक व चुनावी स्वार्थ की रोटी सेंकती रहे.
ट्रिपल तलाक बिल: खत्म हुआ संसद का शीतकालीन सत्र, बजट सत्र तक लटका तीन तलाक बिल