भीमा कोरेगांव हिंसा: महाराष्ट्र के मंत्री दिलीप कांबले ने बाहरी लोगों को ठहराया हिंसा का जिम्मेदार

भीमा कोरेगांव हिंसा मामलें में महाराष्ट्र के राज्यमंत्री दिलीप कांबले ने हिंसा का जिम्मेदार बाहरी लोगों को बताया है. उन्होंने कहा कि कि हिंसा भड़काने के उद्देश्य से बाहर से आए कुछ बदमाशों ने गणपत गायकवाड़ के मकबरे के पास आपत्तिजनक फ्लेक्स बोर्ड लगाया था.

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भीमा कोरेगांव हिंसा: महाराष्ट्र के मंत्री दिलीप कांबले ने बाहरी लोगों को ठहराया हिंसा का जिम्मेदार

Aanchal Pandey

  • January 5, 2018 12:45 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

मुंबई:भीमा कोरेगांव हिंसा मामलें में महाराष्ट्र के राज्य मंत्री दिलीप कांबले ने भीमा कोरेगांव और पुणे जिले के आस-पास हुई हिंसा का जिम्मेदार बाहरी लोगों को बताया है. इसके साथ ही कांबले ने विपक्ष द्वारा लगाए आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि सरकार ने हिंसक हुइ भीड़ को रोकने के लिए पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया था. कोरेगांव हिंसा के समय मौजूद रहे कांबले ने बताया कि जैसे ही लोगों की भीड़ ने सड़क की दूसरी तरफ से पत्थर फेंकने शुरू करने के बाद ही वहां हालात सामान्य करने के लिए सुरक्षा पुलिस बल को तैनात कर दिया गया था.

दिलीप कांबले ने आगे कहा कि वाधू बुद्रुक के ग्रामीण कई सालों से शांति और सामंजस्य में रह रहे हैं क्योंकि वहां युद्ध के स्मारक को दखने आने वाले लोगों के लिए जगह को विकसित रखा जाता है. आगे कांबले ने बताया कि ऊंची जातियों को भड़काने के उद्देश्य से बाहर से आए कुछ बदमाशों ने गणपत गायकवाड़ के मकबरे के पास आपत्तिजनक फ्लेक्स बोर्ड लगाया था. दलितों ने दावा किया है कि संभाजी महाराज का अंतिम संस्कार मराठा लोगों ने नहीं बल्कि गायकवाड़ ने किया था. वहीं संभाजी भिडे गुरुजी और हिंदू एकता आगादी मिलिंद एकबोटे का इस हिंसा के पीछे हाथ होने के सवाल पर कांबले ने कहा कि ये लोग हिंसा में शामिल नहीं थे. आगे कांबले ने कहा कि सरकार ने इस मामले में न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं जिसमें वास्तविक अपराधियों और षड्यंत्रकारियों को जांच के दौरान उजागर किया जाएगा.

बता दें कि बीते सोमवार को पूणे के नजदीक भीमा कोरेगांव में ‘दलित शौर्य दिवस’ के एक आयोजन में भगवा दल के हमले के बाद मंगलवार को दलितों के संगठनों ने महाराष्ट्र के कई इलाकों में प्रदर्शन किया था. जबकि बुधवार को इन संगठनों ने महाराष्ट्र बंद का आह्वान किया. हिंसा के विरोध में किए गए प्रदर्शन से मुंबई सहित राज्य के कई इलाकों में जनजीवन प्रभावित नजर आया. कई जगह दलित संगठन प्रदर्शन करते दिखाई पड़े, उन्होंने कई बसों को नुकसान पहुंचाया और दुकानों को भी बंद करवा दिया. मामले में राज्य के अलग- अलग स्थानों से लगभग 100 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया.

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