लंदन. संतरे का रस सिर्फ हमें स्वस्थ बनाएं रखने में मददगार नहीं है, बल्कि यह ढलती उम्र में हमारे भूलने की बीमारी को भी दूर कर सकता है.युनिवर्सिटी ऑफ रीडिंग में एक अध्ययन के सह लेखक डेनियल लैंपोर्ट ने कहा, ‘दुनिया की आबादी तेजी से प्रौढ़ावस्था की ओर अग्रसर है. अनुमानों के मुताबिक, सन् 2100 […]
लंदन. संतरे का रस सिर्फ हमें स्वस्थ बनाएं रखने में मददगार नहीं है, बल्कि यह ढलती उम्र में हमारे भूलने की बीमारी को भी दूर कर सकता है.युनिवर्सिटी ऑफ रीडिंग में एक अध्ययन के सह लेखक डेनियल लैंपोर्ट ने कहा, ‘दुनिया की आबादी तेजी से प्रौढ़ावस्था की ओर अग्रसर है. अनुमानों के मुताबिक, सन् 2100 तक 60 साल या इससे ऊपर की उम्र के लोगों की संख्या तिगुनी हो सकती है. इसीलिए यह आवश्यक है कि हमें प्रौढ़ावस्था में स्मरण शक्ति से संबंधित सुधार को लेकर एक साधारण व सस्ता तरीका ढूंढें.’
यह अध्ययन 37 स्वस्थ बुजुर्ग (67 वर्ष की औसत आयु) व्यक्तियों पर किया गया, जिन्होंने आठ सप्ताह तक रोजाना 500 मिलीलीटर संतरे के रस पिया. इन आठ सप्ताह की अवधि के पहले और अंत में उनकी याददाश्त, प्रतिक्रिया का समय और बोलने की गति का अध्ययन किया गया. इसके बाद सभी आंकड़ों को मिलाकर संयुक्त (ग्लोबल कॉग्निटिव फंक्शन) तौर पर उनका विश्लेषण किया गया, जिसके मुताबिक, संतरे के रस का सेवन न करने वाले बुजुर्गो की तुलना में इसका सेवन करने वाले बुजुर्गो के ग्लोबल कॉग्निटिव फंक्शन में आठ फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई.
संतरे का रस ‘फ्लेवोनॉइड्स’ का महत्वपूर्ण स्रोत है, जिसे फ्लेवोनोंस भी कहा जाता है. हालिया अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि फ्लेवोनॉइड्स याद रखने की शक्ति में सुधार लाता है. यह अध्ययन पत्रिका ‘अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लीनिकल न्यूट्रीशन’ में प्रकाशित हुआ है.
IANS