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अरविंद केजरीवाल ने ऐसा क्या किया कि राज्यसभा चुनाव से पहले क्रिसमस के बाद से ही कुत्ते-बिल्ली में फंसकर रह गए आप के आशुतोष ?

उग्र तेवर वाले पत्रकार से आम आदमी पार्टी के नेता बने आशुतोष का ट्वीटर प्रोफाइल बिना कहे ये बता रहा है कि क्रिसमस के दिन ही आप संयोजक अरविंद केजरीवाल की तरफ से उनको इशारा हो गया था कि पार्टी उनको या कुमार विश्वास को राज्यसभा का टिकट नहीं देगी. क्रिसमस के अगले दिन से आशुतोष के ट्वीटर पर उनके पालतू कुत्तों और बिल्ली का फोटो और वीडियो आना जो शुरू हुआ वो अब तक नहीं रुका है. आशुतोष ने आम आदमी पार्टी में राज्यसभा टिकट पर चले बवाल को लेकर बिना कहे कुत्ते-बिल्ली की फोटो और अपने छोटे कमेंट से जो कह दिया है वो एक अनुभवी पत्रकार ही कर सकता है. पढ़िए आशुतोष के मन में चल रहे उथल-पुथल की कहानी उनके ट्वीटर टाइमलाइन की जुबानी.

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  • January 4, 2018 10:21 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्ली. आम आदमी पार्टी के मुखिया (अब यही शब्द ज्यादा उचित है) अरविंद केजरीवाल राज्यसभा के दो बाहरी उम्मीदवारों पर घिरे हैं जबकि कवि कुमार विश्वास के साथ-साथ टिकट के दूसरे मजबूत दावेदार रहे आशुतोष ने खुद को कुत्ते-बिल्ली के बीच उलझा रखा है. जी हां, आशुतोष का ट्विटर हैंडल ही इस बात की गवाही दे रहा है कि क्रिसमस के अगले दिन से ही कुत्ते-बिल्ली में फंसकर रह गए हैं. मजे की बात ये है कि कभी आप के लिए लाइव टीवी पर आंसू बहाने वाले पत्रकार से नेता बने आशुतोष को इसमें मज़ा भी आ रहा है.

आशुतोष के ट्विटर हैंडल का मुआयना करने के बाद लगता है कि उन्हें क्रिसमस पर ही पता चल गया था कि उनके ‘सांता’ अरविंद केजरीवाल राज्यसभा की सीट गिफ्ट में नहीं देने वाले. इसके बाद से ही आशुतोष की सोशल मीडिया पर सक्रियता का मुद्दा बदल गया. कभी पार्टी की गतिविधियों को ट्वीट और री-ट्वीट करने में भरपूर समय और मन लगाने वाले आशुतोष ने क्रिसमस के बाद पार्टी से ज्यादा अपने पेट्स (पालतू) कुत्तों और बिल्ली में मन लगाना शुरू कर दिया. पूरे दिसंबर महीने में 4 दिसंबर को एक बार उन्होंने अपने कुत्तों की तस्वीर छापी थी बिछावन पर लेटे. उसके बाद क्रिसमस के बाद जो कुत्ता-बिल्ली प्रेम जगा है वो ऐसा है कि वो एक दिन में कई बार दो-दो बार भी कुत्ते-बिल्ली छापते दिखे.

पिछले 15 दिनों में आशुतोष के ट्वीट्स और री-ट्वीट्स पर नज़र डालिए. 22 दिसंबर को उन्होंने आम आदमी पार्टी की झारखंड इकाई के पदाधिकारियों की लिस्ट री-ट्वीट की. 23 दिसंबर को आशुतोष ट्विटर पर आग उगलते रहे कि दिल्ली मेट्रो की मेजेंटा लाइन के उद्घाटन में केजरीवाल को ना बुलाने की ‘संकीर्णता’ क्यों? 25 दिसंबर को आशुतोष ने घर की सीढ़ियों पर मिली बिल्ली का परिवार में नए सदस्य के तौर पर स्वागत करते हुए फोटो शेयर की. 26 दिसंबर को आशुतोष ने अपनी बिल्लो का वीडियो शेयर किया. 28 को फिर बिल्लो की फोटो आशुतोष के ट्विटर हैंडल पर चमकी और थोड़ी ही देर बाद उन्होंने बिल्ली के साथ खेलते हुए अपना वीडियो और फोटो शेयर किया.

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कुत्ता-बिल्ली खेलते-खेलते पॉलिटिक्स की याद आई तो उन्होंने राज्यसभा में अरुण जेटली के खिलाफ राहुल गांधी की टिप्पणी पर बीजेपी की ओर से विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिए जाने की खबर शेयर की और उस पर अपनी टिप्पणी लिखी- ‘बीजेपी नेता बहुत नाज़ुक है- फूल गेंदवा से ना मारो, लागे करेजवा पे तीर !!!’ आम आदमी पार्टी आशुतोष के दिलो-दिमाग से ओझल ही रही. मानो आम आदमी पार्टी या दिल्ली सरकार में कुछ हो ही नहीं रहा था या हो भी रहा था तो आशुतोष की उसमें कोई दिलचस्पी नहीं थी.

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29 दिसंबर को आशुतोष ने अपने पालतू कुत्तों मोगू और छोटू की फोटू ट्वीट की, जो आशुतोष के कंधे पर बैठी बिल्लो को घूर रहे थे. आशुतोष ने बड़ी दिलचस्प टिप्पणी भी लिखी थी- ‘परिवार में अव्वल दर्जे का संकट खड़ा हो रहा है. मोगू/छोटू तो बिल्लो को परिवार का हिस्सा मानने के मूड में ही नहीं हैं. वे दोनों उस पर लगातार भौंक रहे हैं. क्या करूं? कोई समाधान?’ 30 दिसंबर को आशुतोष ने बैंकाक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल और पाकिस्तान के एनएसए की कथित मुलाकात पर तंज किया.

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31 दिसंबर को अपने कुत्तों के साथ मॉर्निंग वॉक की तस्वीर शेयर करने के साथ ही उन्होंने सबको नए साल की बधाई दी. फिर रात में बार-बे-क्यू पर हाथ आजमाने की तस्वीर शेयर की. 1 जनवरी को फिर आशुतोष के ट्विटर हैंडल पर बिल्लो की फोटो आई. विदर्भ की रणजी ट्रॉफी जीत की खबर भी उन्होंने शेयर करना वाजिब समझा. उसी दिन उन्होंने अपने कंधे पर सवार बिल्लो की तस्वीर साझा करते हुए लिखा कि बिल्लो बहुत प्यारी और नटखट है.

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आम आदमी पार्टी में राज्यसभा टिकट को लेकर जब तनाव चरम पर पहुंच रहा था, तब आशुतोष ने 2 जनवरी को महाराष्ट्र में दलितों के आंदोलन की खबर के साथ टिप्पणी पोस्ट की- ‘आज़ादी के सत्तर साल बाद भी क्या दलितों को प्रदर्शन और रैली करने का अधिकार नहीं है? मनुवादी मानसिकता से देश को कब आज़ादी मिलेगी?’ 3 जनवरी को आम आदमी पार्टी ने राज्यसभा के लिए उम्मीदवारों की लिस्ट फाइनल करने के लिए बैठक बुलाई थी. आशुतोष को भी पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी की बैठक में जाना था लेकिन उस दिन भी वो बिल्लो के साथ अपनी तीन सेल्फी पोस्ट करने में ही व्यस्त और मस्त थे. उन्होंने लिखा- ‘बिल्लो को अलग-अलग पोज़ में सेल्फी पसंद है..’

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राज्यसभा के उम्मीदवारों का नाम घोषित करके केजरीवाल सवालों में घिरे हैं, तब भी पार्टी प्रवक्ता आशुतोष की दिलचस्पी का सबब राजनीति नहीं बन पाई. 4 जनवरी की सुबह उन्होंने ट्विटर पर बताया कि कड़ाके की ठंड में सुबह अंडा और ब्रेड खरीदने के लिए बाहर निकलना कोई मजाक नहीं है. ठंड में अंडा-ब्रेड लेकर लौटने के बाद उन्होंने फिर अपने पालतू कुत्तों के साथ फोटो शेयर करते हुए लिखा- ‘मेरे करण-अर्जुन’. हालांकि वो दिन में संजय सिंह का राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल कराने उनके साथ गए थे लेकिन उससे जुड़ी कोई तस्वीर उन्हें ट्वीट या री-ट्वीट करने के लायक नहीं दिखी. शाम करीब 5 बजे आशुतोष को याद आया कि भाई संजय सिंह के खाते में कुल जमा पूंजी 59 हज़ार 500 है, जिसमें 23 हजार कैश है, 16 हजार 500 रुपये बैंक में और 20 हजार का वाहन.

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सोशल मीडिया पर कोई भी शख्स अपने मन की बात ही लिखता और साझा करता है. तो क्या ये माना जाए कि आशुतोष का मन पार्टी से उचट गया है? या फिर इसका मतलब ये है कि फिलहाल पार्टी की गतिविधियों से ज्यादा उनकी नजर कुत्ते-बिल्ली पर है, जिनके बीच तालमेल बिठाने की वो कोशिश कर रहे हैं? आइए देखते हैं आशुतोष के कुत्ते-बिल्ली वाले कुछ चुनिंदा ट्वीट. सारे ट्वीट देखने के लिए आप उनके ट्विटर को चेक कर सकते हैं.

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